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चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच पास हुआ बजट, आमजन के लिए हालत ज्यों का त्यों व व्यापारियों की बल्ले बल्ले

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हर साल की तरह इस वर्ष मंगलवार को भी वर्ष 2022 का आम बजट देश के केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया। पूरे बजट में हरियाणा को लेकर ना ही कोई बड़ी घोषणा की गई तो वही किसान आंदोलन को केंद्र बनाने वाले हरियाणा के लिए एमएसपी के लिए 2.70 लाख करोड़, ऑर्गेनिक खेती पर जोर, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव, खेती का सामान सस्ता जैसी घोषणाएं राहत प्रदान करने वाली है। परंतु एक्सपर्ट इसे सुहावने सपने बता रहे हैं।

हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा का कहना है कि 2 साल पहले विभिन्न योजनाओं पर एक लाख करोड़ खर्च करने की बात कही। परंतु 2400 करोड़ की खर्च हुआ, उस पर वित्तमंत्री ने कुछ नहीं बोला। 2022 में आमदन भी दोगुनी नहीं हुई और न ही बजट पर कोई चर्चा की।

चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच पास हुआ बजट, आमजन के लिए हालत ज्यों का त्यों व व्यापारियों की बल्ले बल्ले



गौरतलब, हरियाणा में 16 लाख 28 हजार किसान परिवार हैं। इसके अतिरिक्त एक लाख हेक्टेयर वाले 8.02 लाख परिवार, 1 से 2 लाख हेक्टेयर वाले 3.14 लाख परिवार, 2 लाख से अधिक वाले 5.12 किसान परिवार हैं। वहीं इस कड़ी में जब बात की गई।

इस विषय पर जब सिरसा के प्रगतिशील किसान जीएस मान की राय ली गई तो उन्होंने बताया कि बजट में पिछले साल एमएसपी के लिए कितना पैसा रखा, इस बात का जिक्र नहीं, यह भी जिक्र होना चाहिए। ड्रोन से कीटनाशक करने का कोई बड़ी बात नहीं है। डीजल पर कोई राहत नहीं।

चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच पास हुआ बजट, आमजन के लिए हालत ज्यों का त्यों व व्यापारियों की बल्ले बल्ले




सीडीएलयू के अर्थशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष अशोक भाटिया का कहना है कि बजट में डिजिटल बजट, डिजिटल रुपया, डिजिटल इंफ्रास्ट्रचर, डिजिटल रुपया, वन क्लास, वन टीवी, ग्रीन इंफ्रास्ट्रचर के लिए ग्रीन बॉन्ड जारी करना, सुहावने सपने लगते हैं। क्योंकि मुख्य बात यह है कि कोविड के दौरान चरमराती अर्थव्यस्था में बड़े सेक्टर को इंसेंटिव मिला। छोटे उद्योग और रिटेल सेक्टर को राहत मिली।

चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच पास हुआ बजट, आमजन के लिए हालत ज्यों का त्यों व व्यापारियों की बल्ले बल्ले




ग्रीन बॉन्ड लाना, डिजिटल इंफ्रास्ट्रचर, डिजिटल यूनिवर्सिटी लाना अच्छी बात है। परंतु हेल्थ और कृषि में उम्मीद पूरी नहीं की। कृषि में क्या सस्ता इसका उल्लेख नहीं। किसानों और बेरोजगारों को जो उम्मीदें थी, उन्हें कुछ नहीं मिला। सरकार ने जनवरी 2022 तक 1 लाख 49 हजार करोड़ जीएसटी कलेक्शन किया। इनकम बढ़ रही है तो सरकार के पास सोर्स बढ़ रहे हैं, फिर भी बेरोजगारी, महंगाई पर गौर नहीं किया गया।

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