इस साल का बजट किसी के लिए मायूसी का कारण बना। तो वही आम बजट में रेलवे की पुरानी योजनाओं को चार चांद लगा दिया। आम बजट से मिली रोशनी से रेलवे विभाग भी जगमग उठा। दरअसल, एक तरफ जहां चंडी से वाया नारायणगढ़ होते हुए यमुनानगर तक रेल लाइन बिछानी की मांग चार दशक पुरानी है। तो वहीं इस लाइन को बिछाने के लिए पहले भी सर्वे करवाया जा चुका है, मगर आलम वायर था कि राज्य सरकार से जमीन को लेकर पहले पेंच फंस गया था।
मगर राहत की बात तो यह है कि अब फिर से बजट मंजूर किया गया है। हालांकि पहले यह लाइन बिछ जाती, तो रेलवे का खर्च कम होता। इसी प्रकार पानीपत से मेरठ लाइन की भी पूर्व में आए रेल बजट में घोषणा हो चुकी है और सर्वे में यह लाइन मुनाफे का सौदा मानी गई थी।
2010-11 में रेल बजट में पानीपत-मेरठ के बीच रेल लाइन बिछाने की घोषणा की थी जो आज तक नहीं बिछी। इसी प्रकार पिछले करीब चार दशक से यमुनानगर-चंडीगढ़ रेल लाइन बिछने का अरमान ख्वाब ही बनकर ही रह गया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर चार दशक पहले सर्वे तो हुआ, लेकिन आगे रेलवे लाइन बिछाने की दिशा में कदम नहीं बढ़ सके हैं। रेल लाइन के धरातल पर आने से न सिर्फ यमुनानगर, बल्कि अंबाला, पंचकूला और चंडीगढ़ के लोगों को भी फायदा होगा। इस सौगात के लिए दशकों से इंतजार कर रहे युवा बुजुर्ग हो चले हैं।
पानीपत-मेरठ के बीच लाइन बिछाकर यात्रियों और व्यापारियों को राहत होगी। करीब 104 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे ट्रक, बिल्डिंग, ब्रिज, जमीन आदि पर आने वाले खर्च का आंकलन 947 करोड़ 86 लाख रुपये खर्चा आने का आंकलन किया गया था। सर्वे में पाया गया था सौ रुपये 4 रुपये 70 पैसे रेलवे को मुनाफा होगा। यानी की पानीपत-मेरठ लाइन बिछाने के बाद रेलवे को सालना करीब 44 करोड़ 53 लाख छह हजार दो सौ रुपये मुनाफा होना था। परियोजना से रेलवे को मुनाफा होगा लेकिन इस पर भी अभी लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं किया गया।
इस बार उत्तर रेलवे के अंबाला, फिरोजपुर, दिल्ली, मुरादाबाद और लखनऊ मंडल के लिए 13 हजार 282 करोड़ 42 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 3422 करोड़ रुपये अधिक है।
रेवाड़ी-रोहतक (81.26 किमी) रोहतक-गोहाना-पानीपत को शिफ्ट करते हुए बाइपास लाइन के आधारभूत बदलाव के साथ 40 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। इसी तरह जींद-सोनीपत (88.9 किमी) लाइन के लिए दस करोड़ रुपये, चंडीगढ़-बद्दी (33.23 किमी) के लिए इस बार बजट में 450 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
इसी तरह रोहतक-महम-हांसी (86.8 किमी) के लिए आम बजट में 500 करोड़ रुपये, दिल्ली-सोहाना-नूंह-फिराेजपुर झिरका-अलवर (104 किमी) रेल लाइन के लिए बजट में 1239 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं। यमुनानगर-चंडीगढ़ वाया सढौरा-नारायणगढ़ (91 किमी) के लिए पहले ही 876 करोड़ रुपये मंजूर हो चुके हैं। इसके अलावा मेरठ-पानीपत (104 किमी) रेल लाइन के लिए 1097 करोड़ रुपये पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं।
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