हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जमीनों की रजिस्ट्री के मामले में किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अगर भविष्य में भी किसी पटवारी, क्लर्क या अन्य कर्मचारी एवं अधिकारी द्वारा 7-ए के तहत लैंड-डीड या अन्य राजस्व मामले में गड़बड़ी पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का प्रभार भी है, को जब 7-ए के तहत गलत ढंग से रजिस्ट्री करने की शिकायतें मिली थी तो उन्होंने तुरंत इस मामले की जांच के आदेश दे दिए थे। जांच अधिकारी द्वारा रजिस्ट्रियों की जांच की गई और गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, करनाल, कैथल व पानीपत जिला के 34 सब-रजिस्ट्रार व ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार (तहसीलदार-नायब तहसीलदार ) के अलावा 22 क्लर्कों तथा 176 पटवारियों को सलिंप्त पाया गया।
उन्हीं आदेशों पर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों ने जांच को आगे बढ़ाया तो आरोपियों से स्पष्टीकरण लिया गया। संतोषजनक जवाब न मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और आज गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, करनाल, कैथल व पानीपत जिला के 34 सब-रजिस्ट्रार व ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार के अलावा 22
क्लर्कों तथा 176 पटवारियों के खिलाफ अंडर-रूल-7 के तहत प्रशासनिक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। क्लर्कों द्वारा 7-ए के नियमों की उल्लंघना की गई जबकि पटवारियों द्वारा खसरा व गिरदावरी में ‘नेचर ऑफ लैंड’ को बदलने का दोषी पाया गया है।
दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि 7-ए के तहत नियमों की उल्लंघना करने वालों पर कड़ी नजर रखें, गड़बड़ी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेंगी।