मंगलवार को फरीदाबाद जिले के पल्ला और सदर बल्लभगढ़ थाना क्षेत्र में दो अलग-अलग नाबालिगों की शादी होनी थी। इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को मिली, जिसके बाद उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर इन शादियों को रुकवाया। बच्चों के परिजनों को उनके बालिग होने तक शादी नहीं करने की हिदायत देकर फिलहाल छोड़ दिया गया है ।
सदर बल्लभगढ़ थाने के एसआई कुलदीप ने कहा कि, किशोरी की मार्कशीट जांची गई तो उसके जन्म का साल 2004 था। ऐसे में किशोरी के पिता से इस मामले में लिखित में शपथ पत्र लिया गया कि वो अपने बेटी की शादी बालिग होने पर ही करेंगे।
सोतई गांव में एक परिवार अपनी नाबालिग बेटी की शादी छायंसा में रहने वाले एक युवक से कर रहे थे। बाल कल्याण समिति ने पुलिस को इस मामले की सूचना दी, जिसके बाद किशोरी के घर जाकर परिजनों को समझा-बुझाकर इस शादी को रुकवा दिया गया। इसके साथ ही छायंसा से आने वाली बारात को भी रास्ते से ही वापस कर दिया गया।
दूसरी घटना पल्ला थाना क्षेत्र की है
आपको बता दे की, दूसरी घटना पल्ला थाना क्षेत्र की है। बाल कल्याण समिति को सूचना मिली कि सज्जन नगर में एक किशोरी की शादी की जा रही है। इस पर बाल कल्याण समिति की टीम पल्ला थाने के एएसआई संजय कुमार के साथ मौके पर पहुंची।एएसआई ने बताया कि जांच में पता चला कि लड़की बालिग है, मगर जिस लड़के से शादी हो रही है वो नाबालिग है। बारात हरकेश नगर से आनी थी। ऐसे में टीम ने लड़के पक्ष के लोगों को समझाकर कर उन्हें उनके बेटे की शादी बालिग होने पर करने का शपथपत्र लेकर शादी को रुकवा दिया। दोनों मामलों में शादी रुकवाने के बाद बाल संरक्षण अधिकारी हेमा कौशिक ने लोगों से अपील की है कि वह बच्चों की शादी के लिए तय की गई आयु सीमा का पालन करें। नाबालिग अवस्था में उनकी शादी न कराएं। इससे उनके जीवन पर बुरा असर पड़ता है।
Written by- Prashant K Sonni