प्रदेश को उद्योग के क्षेत्र में नंबर ले जाने के लिए और सभी युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के उदेश्य के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम द्वारा आईएमटी सोहना व आईएमटी खरखौदा में 4000 से अधिक प्लाटों के आंबटन का कार्य प्रक्रियाधीन हैं और इन औद्योगिक प्लाटों के लिए आईएमटी मानेसर में 1500 एकड़ भूमि व खरखौदा में 3000 एकड़ भूमि ली गई है। यह जानकारी एचएसआईआईडीसी के मनेजिंग डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने जापानी कंपनियों के साथ भारत के उतरी राज्यों में निवेश के अवसर पर वेबिनार में हरियाणा की तरफ से दी।
कोरोना महामारी के कारण चीन से विस्थापित हो कर बहुत सी कंपनियों की हरियाणा में आने की बातें चल रही है | हरियाणा ने भी जापानी कंपनियों पर दांव लगाना शुरू कर दिया है | भारत में रजिस्टर्ड जापानी कंपनियों की संख्या 2006 में 267 थी जो 2017 में बढ़कर 1369 और 2018 में 1441 हो गई है | इनमें से 393 कंपनियां हरियाणा में हैं | जो कि देश में जापानी कंपनियों का 27 प्रतिशत से अधिक है | हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम ने 1 हजार 100 विकसित प्लॉटों के साथ 34 औद्योगिक एस्टेट विकसित किए हैं, जोकि 450 वर्ग मीटर से लेकर 4,000 वर्ग मीटर तक के आईएमटी फरीदाबाद, आईएमटी बावल, आईएमटी माणकपुर, आईई पानीपत, उद्योग विहार गुरुग्राम में उपलब्ध हैं।
कंपनियों के आ जाने से युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ में अर्थव्यस्था के लिए भी यह शुभ होगा | इस मौके पर अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार तक पहुॅच प्रदान करता है। प्रदेश को ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस रैंकिग में उतर भारत में प्रथम और भारत में तीसरा स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 7 परिचालन विशेष आर्थिक क्षेत्र हैं जो 10 हजार करोड़ से अधिक का निवेश करते हैं और 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा 2 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों, व्यापक-प्रसार के लिए रेल और सडक़ नेटवर्क, 9 अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, 3 कंटेनर माल स्टेशनों और 8 निजी मालवाहक टर्मिनलों तक पहुंच प्रदान करके औद्योगिक क्षेत्रों को अधिक मजबूत कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
किसी भी राज्य का देश की अर्थव्यस्था में अधिक से अधिक सहयोग देना बहुत ज़रूरी है | हरियाणा देश में पूंजी उत्पाद, उत्खनन में 80 प्रतिशत और क्रेन के निर्माण में 52 प्रतिशत की भागीदारी रखता है। इसके अलावा, राज्य का मानेसर-बावल क्षेत्र में पूंजीगत उत्पाद के निर्माण के समर्पित है। उन्होने बताया कि पूरा राज्य एक प्रमुख औद्योगिक कोरिडोर (दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कोरिडोर, अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कोरिडोर और कुंडली- मानेसर – पलवल एक्सप्रेसवे) द्वारा कवर किया गया है, और औद्योगिक इकाइयों को उपभोग हब और बंदरगाहों से जोड़ता है।
Written By – Om Sethi