अंतराष्ट्रीय राइस मार्केट में किस देश के चावल की क्या स्थिति है। विदेशी उपभोक्ताओं की पसंद क्या है, इसकी जानकारियां जुटाने हेतु गल्फ फूड मेला दुबई के लिए तरावड़ी राइस एक्सपोटर्र्स व चावल कारोबारियों द्वारा मेला लगाया जाता है, जिसके अधिकांश अधिकांश बड़े-बड़े चावल व्यापारियों का दुबई, ईरान, सऊदी अरब, यमन, आस्ट्रेलिया, ईराक जैसे देशों के चावल निर्यात होता है।
इन सभी के लिए महीना भर पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। तरावड़ी में सबसे अधिक चावलों का कारोबार होता है। हर वर्ष दुबई देश में गल्फ फूड मेले के नाम से बड़ा बाजार लगता है, जिसमें पूरे विश्व के फूड प्रोडक्ट निर्माताओं को अपने-अपने सामान के स्टॉल लगाने का अवसर मिलता है।
मेले में अपने चावलों की पैकिंग को बड़े ही सुंदरता के साथ विदेशों से आने वाले चावल व्यापारियों के सामने प्रस्तुत करते हैं। इस बार बासमती चावलों को काफी पसंद किया जा रहा है, जिससे चावल निर्यात के बढ़ने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक इस बार भी इस मेले में तरावड़ी के कई चावल कारोबारियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। ग्लैक्सी बासमती चावल, भारत इंडस्ट्रियल, शिवशक्ति इंटर ग्लोबल एक्सपोर्ट, श्रीराम राइस यूनिट, पूरणचंद राइस मिल व राइस एक्सपोर्टर्स मेले में सेल कांउटर लगाए हैं।
वहीं इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आल इडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लाला नाथी राम गुप्ता व राइस एक्सपोर्टर रमेश गुप्ता ने बताया कि इस मेले में जाने से दुनिया के अन्य देशों के चावलों की गुणवत्ता की जानकारी भी मिलती है, बड़े विदेशी कारोबारियों से अनुबंध होता है।
वैसे तो गए चावल व्यापारियों से लगातार बात हो रही है, उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मंडी में विश्व के उन सभी चावल व्यापारियों से मुकाबला है जो धान से चावल को तैयार करते हैं। अलग-अलग देश चावल की अपनी-अपनी किस्म तैयार करते हैं। भारतीय धान की प्रजाति 1121 से तैयार किए गए चावल को काफी पसंद किया जा रहा है। खास बात यह है कि दुबई में चावलों के स्टॉल तो देश के कई कारोबारियों ने लगाए हैं लेकिन करनाल के तरावड़ी के चावल को अधिक पसंद किया जा रहा है।