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कुंवारी होने के बावजूद भी जिंदगी भर किसके नाम का सिंदूर लगाती थी लता मंगेशकर, सामने आया सच

लता मंगेशकर का बॉलीवुड में भी बहुत ही जाना माना नाम था। पूरी फिल्म इंडस्ट्री में उनका एक तरफा नाम चलता था। वह बहुत ही बेहतरीन सिंगर थी। उन्होंने अपने जीवन में लगभग 1000 से भी ज्यादा बेहतरीन गाने दिए हैं और उन्हें पूरी दुनिया जानती है। उन्हें संगीत की देवी भी बोला जाता है। उन्होंने कई सुपरहिट गाने दिए हैं।

अभी कुछ समय पहले उन्होंने सांसों की डोरी टूट गई थी। उन्होंने दुनिया को अलविदा बोल दिया था। जिसके बाद पूरी दुनिया में शोक की लहर चल गई थी। सभी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी थी। उन्होंने अपने जीवन में काफी नाम और इज्जत कमाई है।

अभी हाल ही में उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा एक राज सामने आया है। जिस वजह से वह काफी सुर्खियों में बनी हुई है। जैसे कि आप सभी को पता ही है कि उन्होंने अब तक शादी नहीं की थी वह पूरी जिंदगी भर कुंवारी रही थी।

आपको बता दे, लेकिन फिर भी वह अपनी मांग में सिंदूर लगाते थी। अब सभी के मन में यह सवाल तो आ ही गया कि आखिर बिना शादी के में किसके नाम का सिंदूर लगाती थी। तो आइए बताते हैं।

जैसा की आप सभी को पता ही है कि, लता मंगेशकर को स्वर कोकिला भी कहा जाता था।  उन्होंने अपनी गायकी की वजह से पूरे देश में काफी नाम और इज्जत कमाया था। उनके स्वर्गवास पर प्रधानमंत्री और बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज ने शोक जताया था।

आपको बता दे, उनकी भी एक प्रेम कहानी थी। बता दे, स्वर कोकिला राजा के बेटे से प्यार करती थी। लेकिन राजा अपने बेटे की शादी किसी भी छोटे घराने से नहीं कराना चाहते थे। इसके चलते इन दोनों की प्रेम कहानी अधूरी रह गई थी।

आपको बता दे,  लता जिंदगी भर कवारी रही थी। लेकिन इसके बावजूद भी आपने मांग में सिंदूर लगाती थी। जो कि उनके पुराने प्रेमी के नाम का नहीं बल्कि किसी और के नाम का था। जिससे वह खुद से भी ज्यादा प्यार करती थी।

लता मंगेशकर भारत की सबसे बड़ी गायिका थी। अभी हाल ही में उनका स्वर्गवास हुआ है। लेकिन अभी उनके निजी जीवन से ताल्लुक रखती हुई कुछ बातें सामने आए हैं वह यह है कि लता कुंवारी होने के बावजूद भी अपनी मांग में सिंदूर भर दी थी।

आपको बता दे, वह संगीत को अपना सबसे प्रिय मानते थी और उसके अलावा अपने जीवन में किसी और को जगह नहीं देते थी। वह अपनी मांग में संगीत के नाम का सिंदूर लगाती थी। वह संगीत को ही अपना सुहाग भी मानते थी।

Kunal Bhati

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