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सालों पहले यहाँ के सभी इंसान और जानवर बन गए थे पत्थर, जानिये क्या है कुदरत के इस कहर की कहानी

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पत्थर के इंसान और जानवरों के बारे में फिल्मों से लेकर किताबों तक शायद आपने देखा और सुना होगा | आमतौर पर ऐसा सिर्फ किस्से-कहानियों में ही सुनने को मिलता है कि कोई इंसान या जानवर पत्थर का बन जाए, लेकिन इटली में एक ऐसा शहर है जहां ऐसी घटना हकीकत में हुई थी।

वहां रहने वाले इंसान से लेकर जानवर तक पत्थर के बन गए थे। पत्थरनुमा उनके शरीर आज भी उस शहर से मिलते हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है, जैसे वो इंसान नहीं बल्कि पत्थर की कोई मूर्ति हों, लेकिन जब लोग इसके पीछे की सच्चाई जान लेते हैं तो उनकी रूह तक कांप जाती है। 

सालों पहले यहाँ के सभी इंसान और जानवर बन गए थे पत्थर, जानिये क्या है कुदरत के इस कहर की कहानी

सोच कर ही रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना से जो भी परिचित होता है वह कांपने लगता है | जहाँ यह घटना हुई उस शहर का नाम है पोम्पई, जो 1940 साल पहले आबाद हुआ करता था। सन् 79 में यहां एक ऐसी भयानक घटना घटी थी कि एक झटके में ही पूरा का पूरा शहर तबाह हो गया था। इस जगह से वैज्ञानिकों को कई ऐसे सबूत मिले हैं,

जिसके आधार पर वह कहते हैं कि शायद ही उस समय यहां कोई इंसान बच पाया होगा। यह शहर करीब 170 एकड़ में फैला हुआ है।

किताबी – किस्से जब सच्चाई में बदलते हैं तो कोई भी यकीन करने को तैयार नहीं होता |

सालों पहले यहाँ के सभी इंसान और जानवर बन गए थे पत्थर, जानिये क्या है कुदरत के इस कहर की कहानी

लेकिन इटली के पोम्पई शहर में मौजूद खंडहरों के आधार पर ये माना जाता है कि इस शहर में करीब 11 हजार से 15 हजार लोग रहते होंगे। कुछ साल यहां खुदाई में पुरातत्व विभाग को एक घोड़े का शरीर और उसका कवच मिला था, जो पत्थर के बन गए थे। इसके अलावा यहां से एक आदमी का दिमाग भी मिला था,

जो शीशे का बन गया था। दरअसल, पोम्पई के करीब नैपल्स की खाड़ी में एक ज्वालामुखी है, जिसका नाम माउंट वसूवीयस है। 79 ईस्वी में यह ज्वालामुखी अचानक फट गया था, जिसकी वजह से भारी मात्रा में लावा, राख और गैस निकला था। इससे बड़े पैमाने पर तबाही मची थी।

सालों पहले यहाँ के सभी इंसान और जानवर बन गए थे पत्थर, जानिये क्या है कुदरत के इस कहर की कहानी

कुदरत की बनाई हुई ज्वालामुखी इतना खतरनाक मंज़र बना देगी उस समय किसी ने सोचा नहीं होगा | कहा जाता है पोम्पई में रह रहे लोग जब तक शहर को छोड़कर कहीं भाग पाते, तब तक ज्वालामुखी का लावा यहां तक पहुंच चुका था। इसकी वजह से यह इलाका इतना गर्म हो गया था कि लोगों का खून उबलने लगा था और खोपड़ियां फट गई थीं।

साथ ही लावे की चपेट में आने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। बाद में जब तापमान गिरने की वजह से लावा ठोस रूप में आ गया तो इंसानों का शरीर भी पत्थर का बन गया। पोम्पई के अलावा ज्वालामुखी ने एक और छोटे से शहर को तबाह किया था, जिसका नाम था हर्कुलेनियम।

इटली के लोग बताते हैं कि जब ज्वालामुखी फटा था, तो अपनी जान बचाने के लिए करीब 300 लोग यहां के बोटहाउसेज में घुस गए, लेकिन भयंकर गर्मी और लावे के कारण भयानक तरीके से उनकी मौत हो गई।

साल 1980 में उनके पत्थरनुमा शव यहां से बरामद किए गए थे। पोम्पई और हर्कुलेनियम दोनों शहर फिलहाल यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल हैं | यहाँ लाखों की संख्या में पर्यटक कुदरत के इस केहर को देखने आते हैं।

Written By – Om Sethi

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