जैसा कि आप सभी को पता ही है वर्तमान समय में हम यूक्रेन की खबरें तो सुनती रहे होंगे कि यूक्रेन में जंग छिड़ी हुई है, जिस बीच वहां पर बहुत सारे भारतीय फंसे हुए हैं। जिनको लाने के लिए भारत सरकार बहुत योजनाएं बना रही है, लेकिन यह उनके लिए एक बड़ी चुनौती रहेगी। मोदी सरकार इसे लेकर कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने इसके लिए मास्टर प्लान बनाया है।
आपको बता दे, भारत सरकार के चार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी और वीके सिंह यूक्रेन से सटे देशों में जा रहे हैं। ताकि वहां पर जो भारतीय फंसे हैं उनको सुरक्षित वापस लाया जा सके।
आपको बता दे, यूक्रेन में फंसे सैकड़ों भारतीय नागरिकों की वापसी करेंगे के लिए संचालित की जा रही एयर इंडिया की उड़ानों पर सात-आठ लाख रुपये प्रति घंटे की दर से लागत आ रही है।
आपको बता दें यह जंग रूस और यूक्रेन के बीच चल रही है। जिसमें बहुत सारे भारतीय विद्यार्थी और अन्य नागरिक फंसे हुए हैं। जिन्हें स्वदेश लाने के लिए एयर इंडिया बड़े आकार वाले ड्रीमलाइनर विमानों का इस्तेमाल कर रही है। आपको बता दें यह विमान यूक्रेन के पड़ोसी देशों रोमानिया और हंगरी के हवाई अड्डों पर उतर रहे हैं और वहां पर पहुंचे हुए भारतीयों को लेकर वापस आ रहे हैं।
आपको बता दें इस अभियान के तहत अभी तक कई सारे भारतीय नागरिकों को एयर इंडिया के जरिए उनके देश वापस लाया जा चुका है। एयर इंडिया की उड़ानों का संचालन भारत सरकार के निर्देश पर हो रहा है।
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस अभियान में ड्रीमलाइनर विमान की उड़ान पर प्रति घंटा करीब 7 से ₹800000 खर्चा हो रहा है। इस सूत्र ने बताया कि एक बचाव अभियान में आने वाली कुल लागत इस पर निर्भर करेगी कि विमान कहां पर जा रहा है और कितनी दूरी तय कर रहा है।
बता दे, इस हिसाब से एक अभियान में भारत से यूक्रेन के करीब जाने और वहां से वापस लौटने पर 1.100000000 से अधिक का खर्चा आ रहा है। कुल लागत में विमान ईंधन, चालक दल और सदस्यों का परिश्रमिक, नेविगेशन, लेंडिंग एंड पार्किंग शुल्क शामिल है।
आपको बता दें सूत्र के नाम सामने ना आने के शर्त पर कहा कि जिस पर अभियान में लगने वाले लंबे समय को देखते हुए पायलट एवं सहयोगी स्टाफ के दो समूह रखे जाते हैं। पहला समूह विमान को लेकर गंतव्य तक जाता है और फिर वापसी की उड़ान में दूसरा समूह कमान संभालता है।
एयर इंडिया इस बचाव अभियान के तहत फिलहाल रोमानिया के शहर बुखारेस्ट और हंगरी के बुडापेस्ट के लिए उड़ानें संचालित प कर रही है। इन दोनों ही गंतव्यों तक एयरलाइन की अधिसूचित हवाई सेवाएं नहीं हैं।
जो वेबसाइट उड़ानों को ट्रैक कर रही है जो कि फ्लाइटवेयर है उसके मुताबिक, बुखारेस्ट से मुंबई आने वाली उड़ान करीब 6 घंटे की थी इसी तरह बुखारे से दिल्ली का सफर भी 6 घंटे लंबा रहा और अगर बात करें आने जाने में लगने वाले समय की तो बता दे आने जाने में लगने वाला समय पड़ने पर बचाव अभियान की लागत भी बढ़ जाएगी।
आपको बता दें सरकार यूक्रेन से फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए जो अभियान चला रही है उसके लिए कोई शुल्क नहीं ले रही है। कुछ सरकार राज्यों ने यह घोषणा की है कि वह अपने राज्यों के निवासियों को यूक्रेन से लाने वाले खर्चे का बोझ खुद उठाएंगी।
सूत्रों के अनुसार इस बचाव अभियान के पूरे हो जाने के बाद जो भी लागत आई है उसकी एयरलाइन द्वारा गणना की जाएगी और वह सरकार को पूरा बिल भुगतान के लिए भेजेगी।
बता दें इस अभियान में इस्तेमाल हो रहे ड्रीमलाइनर विमान में 250 से अधिक सीटें होती हैं। ड्रीमलाइनर के एक पायलट के मुताबिक इस की उड़ान पर प्रति घंटा 5 टन विमान इंधन की खपत होगी।
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