आजकल जितनी चर्चा पुष्पा मूवी की हो रही है, उससे कहीं ज्यादा लोग पुष्पा मूवी में दिखाए गए लकड़ी की तस्करी के आइडिया को अपना कर तस्करी करने में अपना दिमाग इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा ही होता देख पुलिस की सीआईए-टू टीम सतर्क हुई और एक गुप्त सूचना के आधार पर अवैध रूप से तस्करी की जा रही लाखों रुपयों की बेशकीमती खैर की लकड़ी तीन तस्करों के साथ पकड़ी है। यह लकड़ी ट्रक में लादकर झारखंड के गढ़वा जिले से लाई जा रही थी, और इसके आगे-आगे एक काले रंग की चंडीगढ़ नंबर ब्लैक स्कॉर्पियो पायलट कर रही थी।
स्कॉर्पियो में सवार दो युवक इस बात का ध्यान रखते थे की कहीं आगे पुलिस या कोई और खतरा तो नहीं हैं। पुलिस ने पहले स्कॉर्पियो गाड़ी को ही काबू किया, जिसमें सवार प्रिंस और नसीम नामक युवकों ने पूरा खुलासा किया। इसके बाद पीछे आ रहे ट्रक को काबू किया गया जिसे चला रहे ड्राइवर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधिकारी इस बात से भी हैरान है कि आखिर यह ट्रक इतनी भारी मात्रा में अवैध खैर की लकड़ी लादकर, एक हजार से भी ज्यादा किलोमीटर का सफर तय करते हुए कई राज्यों से होता हुआ यमुनानगर तक कैसे पहुंचा? और यह गिरोह इससे पहले कितनी बार इस तरह की तस्करी को अंजाम दे चुका है? फिलहाल पुलिस अधिकारियों को रिमांड के दौरान होने वाली पूछताछ में कई और नए खुलासे होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि बेशकीमती और दुर्लभ पेड़ों में शामिल खैर के पेड़ की तस्करी बड़े पैमाने पर चल रही है।
इस पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल औषधि बनाने से लेकर पान और पान मसाला में इस्तेमाल होने वाले कत्थे के लिए किया जाता है. इसके अलावा चमड़ा उद्योग में इसे चमकाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। प्रोटीन की अधिकता के कारण ऊंट और बकरी के चारे के लिए भी इसकी पत्तियों की काफी मांग है। चारकोल बनाने में भी इस लकड़ी का उपयोग होता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल डायरिया, पाइल्स जैसे रोग ठीक करने में होता है. मांग अधिक होने की वजह से खैर के पेड़ों को अवैध रूप से जंगल से काटा जाता है।