हरियाणा में अहम कानून लागू, जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले को काटनी होगी 10 साल की सजा

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 हरियाणा में अहम कानून लागू, जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले को काटनी होगी 10 साल की सजा

हरियाणा में जबरन धर्म परिवर्तन करना अब अपराध हो गया है।‌ बता दे ऐसा करना या करवाने वाले को 10 साल तक की सजा हो सकती है और उन पर चार लाख रुपए तक का जुर्माना भी लग सकता है। वहीं गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को विधानसभा में शून्यकाल के बाद यह विधेयक सदन में टेबल किया। बता दे इस पर चर्चा हुई और विपक्ष ने खूब हंगामा भी किया सरकार इस विधेयक पर पीछे हटने को तैयार नहीं है और बजट के दौरान ही इसे पास किया जाएगा। ‌

कांग्रेस विधायक का यह कहकर विरोध कर रही है कि प्रदेश में अब तक धर्म परिवर्तन का कोई केस नहीं आया है। ऐसे कानून का कोई औचित्य ही नहीं है। वही सीएम मनोहर लाल खट्टर के पास ऐसे कई मामले का रिकॉर्ड है, जो हरियाणा में हुए हैं।‌

हरियाणा में अहम कानून लागू, जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले को काटनी होगी 10 साल की सजा

जब यह बिल पास होगा तो वह उन मामलों को लेकर सदन में करेंगे वही सदन में प्रस्तुत नो पात्रों के विधायक मैं किसी धर्म विशेष का जिक्र नहीं है और विधेयक के उद्देश्य और कारण बताते हुए दावा किया गया है। कि प्रदेश में ऐसे मामले आने के बाद भी इस कानून को बनाना जरूरी समझा गया है।

हरियाणा में अहम कानून लागू, जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले को काटनी होगी 10 साल की सजा




विधेयक के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बल प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, मारपीट या डिजिटल ढंग से धर्म परिवर्तन करवाता है या सुबह के लिए धर्म परिवर्तन करवाता है।तो उसके खिलाफ कानून काम करेगा। ऐसा अपराध करने पर कम से कम 1 और अधिकतम 5 साल की सजा होगी और एक लाख का जुर्माना होगा वही अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे धर्म में अपने मूल धर्म को छुपा कर शादी करता है।‌

हरियाणा में अहम कानून लागू, जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले को काटनी होगी 10 साल की सजा

तो उसे कानूनी के विरुद्ध माना जाएगा और ऐसे में 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है और साथ ही में तीन लाख तक का जुर्माना लगा सकती है। यह व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन पर लागू होगा सामूहिक धर्म परिवर्तन में 5 से 10 साल तक की सजा और चार लाख तक का जुर्माना लग सकता है। ‌

मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया है, कि विधेयक किसी व्यक्ति को इच्छा पूर्वक धर्म परिवर्तन पर रोक नहीं लगा था‌। इसके लिए उसे जिला मजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा।‌ वही मिस्ट्रीट जांच करके यह तय करेगा कि धर्म परिवर्तन का मामला कानून का उल्लंघन है या नहीं। ‌