गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम में लगातार शिकायत के बाद दोनों निगमों पर स्थानीय मंत्री अनिल विज का ध्यान जा चुका है या यह कहा जा सकता है कि अब निगम द्वारा होने वाली लापरवाही पर शिकंजा कसा जाएगा ।
कैबिनेट मंत्री ने दोनों नगर निगमों में पिछले 5 साल के दौरान हुए विकास कार्यों की स्पेशल ऑडिट कराने का निर्देश दिया है। अकाउंट जनरल को लिखे पत्र में विकास कार्यों के साथ ही विभिन्न प्रकार की मंजूरी का स्पेशल ऑडिट कराने को कहा गया है।
नगर निगम फरीदाबाद और नगर निगम गुरुग्राम 5 साल के दौरान हुए विकास कार्यों की जांच होगी दोनों निगम पिछले कुछ समय से राजनीति का अखाड़ा बने हुए थे पूर्व तथा मौजूदा अधिकारी एक दूसरे को भेज रहे हैं।
खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान यह विभाग कविता जैन के पास था अब यह अनिल विज के पास है इसलिए अनिल विज की इसमें अहम भूमिका रहेगी।
विज ने दोनों निगमों के पिछले 5 वर्षों का रिकॉर्ड खंगालने के निर्देश दे दिए हैं हालांकि तत्कालीन शहरी निकाय मंत्री कविता जैन ने अपने कार्यकाल के दौरान एक बार ऐसे ही आदेश जारी किए थे लेकिन उस समय मामला अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया था।
यदि कार्यकाल में अगर जांच को गंभीरता से लिया और पूर्ण रूप से जांच की तो कई अधिकारियों पर शिकंजा कसना तय है फरीदाबाद हरियाणा का सबसे पुराना निगम है तो गुरुग्राम को सार्वजनिक राजस्वाला नगर निगम माना जाता है दोनों ही निगमों में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
विज ने पिछले 5 सालों का ऑडिट करने के आदेशों के बाद दोनों निगमों में खलबली मची हुई है हालांकि कई कर्मचारी विज के फैसले के समर्थन में है । अगर सही तरीके से दांत जांच हुई तो करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा व्हिच की ओर से ऑडिट के लिए लिखे गए पत्र में इंजीनियरिंग अकाउंट और प्लानिंग विभाग पर खासा जोर दिया गया है।