गुरुग्राम जिला और फरीदाबाद की पुलिस अब आसमान से भी कानून व्यवस्था पर नजर रखेगी। इसके लिए प्रभावी कैमरों से लैस ड्रोन को डायल-112 के बेड़े में शामिल किया जाएगा। ये ड्रोन पुलिस मुख्यालय में तैनात रहेंगे और डायल-112 कंट्रोल रूम, पंचकूला से जुड़े रहेंगे। पंचकूला में पुलिस दूरसंचार विभाग एक निजी एजेंसी के माध्यम से ड्रोन का परीक्षण कर रहा है। उम्मीद है कि परीक्षण सफल होने पर मार्च के अंत तक ड्रोन तैनात किए जाएंगे। फरीदाबाद और गुरुग्राम की पुलिस कानून व्यवस्था के लिए पहले भी ड्रोन का इस्तेमाल कर चुकी है, लेकिन पहली बार इन्हें कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ईआरवी) की तरह जरूरत पड़ने पर ड्रोन भी मौके पर भेजे जाएंगे।
ट्रैफिक सिस्टम में होगा इस्तेमाल:
अगर जाम की सूचना पुलिस को मिलती है तो उसे तुरंत ड्रोन से भिजवाया जाएगा। ड्रोन कैमरों की मदद से जाम के कारणों का पता लगाया जाएगा। इसके बाद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर कारण को दूर कर जाम खुलवाएंगे। अब पुलिसवाले सबसे पहले मौके पर पहुंचते हैं। फिर जाम का कारण जानती जय जिसके बाद जाम को खोलने की कोशिश करते है। जिसमे समय लगता है। ड्रोन की मदद से आसमान से रास्ते का पता लगाते है। फिर मौके पर पहुंचने में सक्षम ईआरवी को रवाना किया जाता है।
बहुमंजिला इमारतों में दुर्घटना होने पर भी किया जाएगा प्रयोग
अगर जिले में बड़ी संख्या में बहुमंजिला भवन हैं और ऊपरी मंजिलों पर आग लग जाती है तो पुलिसकर्मी स्थिति को समझने के लिए वहां पहुंचने में काफी जोखिम उठाते हैं। ऐसे में ड्रोन की मदद ली जाएगी। ड्रोन की मदद से फायर फ्लोर पर स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकता है। यह भी पता लगाया जाएगा कि अंदर कोई जाल तो नहीं है, उसके बाद उसी हिसाब से आग बुझाने का प्लान तैयार किया जाएगा।
बदमाशों का पीछा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा
बदमाशों का पीछा करने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। लूट, डकैती या हत्या जैसी किसी भी घटना की खबर कंट्रोल रूम पर मिलती रहेगी। मौके पर ड्रोन भेजे जाएंगे। ड्रोन आसमान से उनका पीछा करने की कोशिश करेंगे जहां बदमाश भागे होंगे। ड्रोन में लगे कैमरे वाहनों और बदमाशों की नंबर प्लेट कैद कर सकेंगे। प्रदर्शन या दंगों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।