हिसार में कोरोना योद्धाओं के सम्मान के लिए सरकारी निर्देशों का अवहेलना किया जा रहा है ।यहां के जिला प्रशासन ने डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल के कर्मचारी, सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों को विश्वविद्यालय के अतिथि गृह और एक धर्मशाला में भोजन की व्यवस्था करने के लिए कहा है।
जिला प्रशासन ने कहा है की,आपदा प्रबंधन कोष से भोजन का खर्चा पूरा नहीं किया जा सकता, और जब तक हम भोजन के लिए व्यवस्था तैयार करते हैं, तब तक कर्मचारियों का भोजन का खर्चा खुद से उठाना पड़ेगा।
सिविल सर्जन डॉ रत्ना भारती ने मेडिकल ऑफिसर को लिखे पत्र में कहा है की, नामदेव धर्मशाला और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में रह रहे सिविल अस्पताल के कर्मचारियों का भोजन का खर्च खुद ही उठाना पड़ेगा।
डॉक्टर भारती से संपर्क करने पर उन्होंने कहा की, उन्हें जो जिला प्रशासन से दिशा निर्देश मिले हैं उसी के अनुसार वह काम कर रही है। उन्होंने कहा की, भोजन का खर्च आपदा प्रबंधन कोष पूरा नहीं किया जा सकता। जब तक हम व्यवस्था तैयार करते हैं, तब तक कर्मचारियों का भोजन का खर्चा खुद उठाना पड़ेगा। पिछले डेढ़ महीना से ‘धर्मशाला’ में रह रहे,एक कार्यकर्ता ने कहा की,अगर भोजन की सुविधा वापस ली जाती है, तो वह अपने घर लौट जाएगा। उन्होंने कहा की,हम पहले से ही कोरोना वायरस के कारण जोखिम में है और उन्होंने कहा की, भोजन की व्यवस्था न्यूनतम है, और यह काम प्रशासन काम कर सकता था।
एक अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने कहा की, जब दिल्ली और स्वास्थ्य कर्मचारियों को पांच सितारा होटल में रखा जा रहा था, तब उन्हें बिना भोजन, टीवी, समाचार पत्र पत्रिका, कपड़े धोने की सुविधा आदि के बिना, अतिथि गृह में रखा गया था।
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के डॉक्टर जसवीर सिंह पवार ने कहा है की, रोहतक तथा अन्य जगहों पर जिलाधिकारी द्वारा कोरोना वायरस की ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों का ध्यान रखा जा रहा है। अगर हिसार में प्रशासन द्वारा ऐसा आदेश पारित किया गया है, तो हम उच्च अधिकारियों के पास हम इस मामले को उठाएंगे।
Written by – Ankit Kunwar