लॉकडाउन ने आर्थिक तंगी और परेशानी का अंबार लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके आज पूरा देश एकजुट हो गया : विधायिका सीमा त्रिखा

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 लॉकडाउन ने आर्थिक तंगी और परेशानी का अंबार लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके आज पूरा देश एकजुट हो गया : विधायिका सीमा त्रिखा

इतना आसान नहीं होता देश की प्रजा के दिलों में एक राजा का विराजमान होना। आज संकट की घड़ी में पूरा देश एक जुट होकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक आह्वान पर जनता कर्फ्यू ने थाली – ताली बजाकर, तो उसके बाद 9 अप्रैल को पूरे देश को अंधेरे में कर मोमबत्तियों और दियों से रोशन कर दिया।

लॉकडाउन ने आर्थिक तंगी और परेशानी का अंबार लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके आज पूरा देश एकजुट हो गया : विधायिका सीमा त्रिखा

उक्त वाक्या बढ़खल विधायिका सीमा त्रिखा ने फरीदाबाद में बढ़ते मामलों के बाद लोगों का हौसला अफजाई करने हेतु हमारी संवाददाता दीपिका गौड़ से फोन पर बातचीत के दौरान कहें। उन्होंने कहा कि बेशक हमारे देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा होता देखा जा रहा है, पर अगर अन्य देशों की तुलना में देखें तो हमारे भारत में स्थिति काबू में देखी जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में को स्वास्थ
विभाग का कारबा, निगम की टीम हो या हमारा स्वास्थ्य विभाग उनके लिए हमारा देश आज कर्जदार हो गया है। आज हम अपने घरों में इस वैश्विक बीमारी का नाम सुन बेचैन हो रहें हैं। ऐसे में यह लोग समाज हित के लिए अपनी सुरक्षा की भावना से दूर सिर्फ देश और देशवासियों को कोरोना वायरस से बचने के लिए अभिप्रेरित करने में जुटा हुआ है।

लॉकडाउन ने आर्थिक तंगी और परेशानी का अंबार लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके आज पूरा देश एकजुट हो गया : विधायिका सीमा त्रिखा

उन्होंने कहा कि जिस बीमारी का नाम सुनने मात्र लोगों के पसीने छूट जाते है। ऐसे में हमारे सफाई कर्मचारी हर एक कोने को रोगाणुमुक्त करने में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा जहां एक तरफ कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज के रहे स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना के आवोहवा से खुद को नहीं बचा पा रहा, बावजूद इसके यह वॉलंटियर्स हर मरीज की जान बचाने में सहायक सिद्ध होता दिख रहा है।

लॉकडाउन ने आर्थिक तंगी और परेशानी का अंबार लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके आज पूरा देश एकजुट हो गया : विधायिका सीमा त्रिखा

वहीं इस चिलचिलाती धूप में घर के दरवाजे के बाहर झांकने में इस धूप की तपिश बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में हमारे देश जवान, हमारे अंगरक्षक फौलाद की तरह सड़कों पर उतर लोगों को उन्हीं की सुरक्षा के लिए अभिप्रेरित के रहे हैं। उन्होंने पूरे फरीदाबाद की जनता की अपील करते हुए कहा इन वॉलंटियर्स की मेहनत को ऐसे जाया ना जाने दें। इसके लिए जरूरी है लोग खुद जागरूक हो और सरकार की इच्छाओं को मुकम्मल करें।

लॉकडाउन ने आर्थिक तंगी और परेशानी का अंबार लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके आज पूरा देश एकजुट हो गया : विधायिका सीमा त्रिखा

वहीं उन्होंने मीडिया कर्मियों के कार्य को सराहा। उन्होंने कहा कि इस बीमारी में देश को जागरूक करने के लिए मीडिया एक सबसे उत्तम प्रदर्शन कर रहा है।हर एक खबर की अपडेट, हर एक लापरवाही जो कोरोना वायरस पीड़ित ने की हो, उसे किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ना दोहराई जाएं तो मीडिया इस बार पर उतारू हैं और देशवासियों को अभिप्रेरित करने में उत्तम भूमिका अदा करता दिखाई दे रहा है।

क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए बडख़ल विधानसभा की विधायक का सीमा तिरखा भी अपना पूरा सहयोग दे रही है उन्होंने जरूरतमंद व असहाय लोगों के लिए अपने हाथों से पूड़िया तलकर मातृत्व होने का फर्ज निभाया है, नारी होने के नाते भी कहा जाता है कि मां कभी भी बच्चों को भूखा सोने नहीं देती इसी कड़ी में सीमा त्रिखा ने अपने क्षेत्र में रहने वाले सभी भूखों के लिए खुद अपने हाथों से खाना तैयार किया है साथ ही उन्होंने क्षेत्र में साफ-सफाई करने वाले कर्मचारियों का भी सम्मान सत्कार किया ,पुलिसकर्मियों का आभार व्यक्त कर उनका सम्मान किया और अपने क्षेत्र में साफ सफाई की विशेष रुप से ध्यान रखकर अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखने का आह्वान किया है।

लॉकडाउन ने आर्थिक तंगी और परेशानी का अंबार लगा दिया, लेकिन बावजूद इसके आज पूरा देश एकजुट हो गया : विधायिका सीमा त्रिखा


उन्होंने पूरी जनता से अपील की है कि कोरोनावायरस जैसे संक्रमण फैलाने वाले बीमारी से बचने के लिए हमें अपने घर पर रहना है और संक्रमित होने वाली उस चैन को तोड़ना है जिससे हम एक सुखी जीवन जी सकें ।

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