1528 से शुरू हुआ इंतजार 5 अगस्त को हुआ खत्म जानिए क्या- क्या हुआ इस बीच

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1528 से शुरू हुआ राम मंदिर बनने का इंतजार 5 अगस्त 2020 को हुआ खत्म लेकिन इस बीच रहा सालो का संघर्ष है लेकिन अब वो इतंजार खत्म हो गया है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर का भूमिपूजन किया । खास बात यह है कि भगवान श्रीराम ने अभिजीत मुहूर्त में जन्म लिया था और उसी मुहूर्त में आज मंदिर के लिए भूमिपूजन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा की, उसके बाद रामलला के दर्शन किए।

इससे पहले सीएम योगी और राज्यपाल ने पीएम मोदी का स्वागत किया है। वहीं, राम मंदिर पूजन लिए अयोध्या सज-धजकर तैयार है। भगवान रामलला को रत्न जड़ित हरे रंग के वस्त्र पहनाकर तैयार किया गया है।

1528 से शुरू हुआ राम मंदिर बनने का इंतजार 5 अगस्त 2020 को हुआ खत्म जानिए क्या- क्या हुआ इस बीच

अयोध्या में हर तरफ उल्लास नजर आ रहा है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं। रामभक्त सड़कों पर कीर्तन और जय श्रीराम के नारे लगा रहे हैं।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आज भूमिपूजन सहित कई कार्यक्रम हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा तमाम बडे राजनेता और साधु संतों सहित 175 आमंत्रित लोग इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनें .

स्थानीय लोगों का कहना है कि जो अयोध्या शहर पता नहीं कितने सालों तक विवाद का केंद्र बना रहा आज उसे पहली बार इतनी खूबसूरती सजाया गया है.

5 अगस्त हैं भूमिपूजन

दरअसल अयोध्या सालों तक विवाद का केंद्र रही है. करीब 100 साल से ज्यादा तक कानूनी और राजनीतिक लड़ाई के बाद आखिरकार रामलला के लिए आज राम मंदिर निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है . बीते साल 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने इसका फैसला सुनाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड इस विवादित जमीन पर अपना मालिकान हक साबित नहीं कर पाया है. वहीं पुरातत्व विभाग की ओर से दी गई रिपोर्ट में भी वहां मंदिर होने के प्रमाण पेश किए गए हैं.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी यह कहा कि पुरातत्व विभाग ये बात नहीं बता पाया है कि क्या वहां पर किसी मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा मुस्लिम पक्ष को विवादित स्थल से दूर 5 एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए देने का भी आदेश दिया.