ESSCI युवाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने में कर रही मदद, देशभर में एक लाख सूक्ष्‍म उद्यमी बनाने का लक्ष्‍य

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फरीदाबाद:- देश में सूक्ष्‍म उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक सेक्‍टर स्किल्‍स काउंसिल ऑफ इंडिया (ईएसएससीआई) ने माईमोबी फोर्स नामक कंपनी से हाथ मिलाया है।

अब ईएसएससीआई युवाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ रही है। ईएसएससीआई माईमोबी फोर्स के साथ मिलकर फुल टाइम नौकरी के बजाय ऑन डिमांड मॉडल के तहत प्रशिक्षित युवाओं को आत्‍मनिर्भर बनाएंगे। इस करार के तहत देश भर में ईएसएसआई ने एक लाख से अधिक सूक्ष्‍म उद्यमी बनाने का लक्ष्‍य रखा है।

ESSCI युवाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने में कर रही मदद, देशभर में एक लाख सूक्ष्‍म उद्यमी बनाने का लक्ष्‍य

माईमोबी फोर्स भारत का अग्रणी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित क्राउडसोर्सिंग प्लेटफ़ॉर्म है, जो अपने काम को पूरा करने के लिए बिजनेस को डिमांड वर्कफोर्स के साथ जोड़ता है। इसी मॉडल को ईएसएससीआई ने अपनाने के लिए माईमोबी फोर्स के साथ हाथ मिलाया है।

माईमोबी फोर्स के सह-संस्थापक, धीरज खट्टर और हिमांशु कुमार ने इस साझेदारी पर खुशी जाहिर करते हुए उम्‍मीद जताई है कि युवाओं को बड़े ब्रांडों के साथ जुड़कर काम करने का मौका मिलेगा। मोईमोबी के पास टेलीकॉम, नेटवर्किंग और व्‍हाइटवुड के बड़े ब्रांड है।

ESSCI युवाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने में कर रही मदद, देशभर में एक लाख सूक्ष्‍म उद्यमी बनाने का लक्ष्‍य

ईएसएससीआई के सीईओ एनके महापात्रा का कहना है कि माईमोबी फोर्स 25 हजार से अधिक लोगों के जरिये देशभर में फील्‍ड टेक्निशियन के जरिये सेवाएं दे रही है। ईएसएससीआई देश भर में विभिन्‍न जॉब रोल में युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है। दोनों मिलकर देशभर में क्‍वालिटी सर्विस देने के साथ आत्‍मनिर्भर युवाओं की नई फौज तैयार करेगी। युवाओं को स्‍थानीय स्‍तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस करार के जरिये देश भर में एक लाख से अधिक सूक्ष्‍य उद्य‍मी बनाने का लक्ष्‍य रखा गया है।

उन्‍होंने बताया कि इस करार से युवाओं को गांव के स्‍तर से लेकर बड़े शहर तक काम करने का मौका मिलेगा। नौकरी के बजाय युवाओं को उनकी क्षमता को निखारकर खुद के व्‍यवसाय शुरू करने और फ्रीलांस के तौर पर काम करने का मौका दिया जाएगा। जिससे वह अपना गुणात्‍मक विकास के साथ अधिक आय कमा सकते है। क्राउडसोर्सिंग कंपनी के साथ हाथ मिलाने का मकसद देश भर में नए अवसर से युवाओं को रूबरू करवाना है। जरूरत पड़ने पर निजी कंपनी और सरकारी की मदद से आर्थिक सहायता भी मिल सकती है।