स्वास्थ्य डिजिटल हेल्थ आईडी में हर नागरिक की बीमारी का ब्यौरा होगा ऑनलाइन। कोरोना संक्रमण के बीच स्वस्थ स्वास्थ्य के हित में सोचते हुए देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का तोहफा दिया है। इस तकनीक के सहारे अब हर नागरिक के स्वास्थ्य का ब्यौरा डिजिटल हेल्थ आईडी के तहत ऑनलाइन दर्शाया जाएगा
जैसे एक बैंक के खाते की पूरी जानकारी पासबुक में दर्शाई जाती हैं। इस मिशन के तहत हर नागरिक को एक विशेष तरह का स्वास्थ्य पहचान पत्र जारी किया जाएगा जिसमें कोई व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर हस्पताल जाएगा तो उसे आवंटित विशेष पहचान नंबर के जरिए उसकी सभी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिकली सुरक्षित रख दिया जाएगा।
इसमें मरीज का नाम, पता, स्वास्थ्य संबंधी हर तरह की तकलीफ, जांच रिपोर्ट, दवा, एडमिशन, डिस्चार्ज और चिकित्सक से जुड़ी सभी जानकारी रहेगी। हेल्थ आईडी के जरिए मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री को जाना जा सकता है। डॉक्टर कंप्यूटर पर लॉगिन कर मरीज की हेल्थ हिस्ट्री कहीं भी देख सकेंगे।
एनडीएचएम संभालेगा इस पहचान पत्र की जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का हिस्सा नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) ने आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना देशभर में लागू की है। एनएचए ही नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को तैयार करेगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक योजना चंडीगढ़, लद्दाख, दादर-नगर हवेली, दमन एंड दीव, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप में लागू हो चुकी है।
हर बीमारी का इलाज होगा सुगमता से
स्वास्थ्य पहचान पत्र योजना का लक्ष्य हर व्यक्ति को सस्ती व सुरक्षित स्वास्थ्य सुविधा देना है। योजना से सही डॉक्टर का चुनाव करने में भी तकलीफ नहीं होगी। डॉक्टर की फीस देना और पर्च ऑनलाइन होगा। इससे हर व्यक्ति अपनी तकलीफ के अनुसार बेहतर चिकित्सा सुविधा पा सकता है।
सरकार की होगी उक्त प्रक्रिया पर निगरानी
एनडीएचएम में डॉक्टर, अस्पताल, स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले संस्थान, दवा दुकानें, बीमा कंपनियां और नागरिक एक मंच पर होंगे। इसमें प्रमुख रूप से हेल्थ आईडी, डिजि डॉक्टर, स्वास्थ्य सुविधा, स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी, ई-फॉर्मेसी और टेलिमेडिसिन शामिल हैं। अभी जिन राज्यों में ये व्यवस्था लागू हुई है वहां ई-फॉर्मेसी और टेलीमेडिसिन को छोड़कर सभी सुचारू रूप से काम कर रहे हैं। सभी की निगरानी सरकार करेगी।
हेल्थ आइडिया डॉक्टर का आवंटन भी सरकार द्वारा होगा
एनएचए के चीफ एक्जीक्यूटिव इंदु भूषण का कहना है कि एनडीएचएम की सरकार निगरानी करेगी। निजी चिकित्सा संस्थानों को भी ऐसा ढांचा तैयार करने की पूरी छूट होगी। हेल्थ आईडी और डॉक्टर का आवंटन सरकार द्वारा ही होगा। निजी चिकित्सा संस्थान भी पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड सरकारी आदेश के अनुसार तैयार कर सकते हैं। बस सुरक्षा और निजता की सुरक्षा के साथ मानकों का ध्यान रखना होगा।
हेल्थ आईडी को आधार से लिंक करना होगा जरूरी
हेल्थ आईडी बनने के बाद रोगी अपनी सभी जानकारी डॉक्टर के साथ डिजिटल रूप में साझा कर सकता है। वो ये भी तय कर सकता है कि कौन सा कागजात किसके साथ साझा करना है। रोगी अगर सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहता है तो उसे अपने हेल्थ आईडी को आधार कार्ड से जोड़ना होगा। मरीज के स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड की एक कॉपी डॉक्टर के पास तो एक वो अपने पास रखेगा जिसपर सरकार की निगरानी रहेगी।