नई दिल्ली:- नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और अभिलाषा प्रोड्क्शन की खास पेशकश ‘आपकी बात’ द्वारा कोविड-19 से अपैरल सेक्टर में उपजे चुनौतियों की स्थितियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार इनसाइट 8.0 के दूसरे संस्करण का आयोजन किया।
इसका विषय ‘क्या भारत वैश्विक स्तर पर अपैरल सेक्टर में नेतृत्व करने के लिए तैयार है’ रखा गया। इसमें बतौर विशेषज्ञ व वक्ता अपैरल मेडअप्स एंड होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल (एएमएच एसएससी) के सीईओ व डीजी डॉ. रूपक वशिष्ठ, अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के चेयरमैन डॉ. ए. शक्तिवेल, यूनाइटेड स्टेट के मल्टीपल कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनी के सीईओ व प्रेसिडेंट ग्रेग रगल मौजूद थे।
पूरे वेबीनार का संचालन प्रोटाटेक के सीईओ व प्रेसिडेंट अब्राहम कुमार ने किया। इस वेबीनार में भारत के अलग-अलग शहरों के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देश के लोगों ने भी हिस्सा लिया।वक्ताओं ने इस वेबीनार में कोविड-19 के कारण उपजे स्थिति के बाद एक बेहतर भविष्य की तस्वीर बताई। एईपीसी के चेयरमैन डॉ. ए शक्तिवेल ने बताया कि कोरोना वायरस से उपजे स्थिति के कारण भारत आज अपैरल सेक्टर में मजबूत स्थिति है। आज देश में एन-95, पीपीई किट, ट्रिपल लेयर और नॉन मेडिकल मास्क का निर्माता बन गया है।
मेडिकल टेक्सटाइल एक्सपोर्टर के रूप भारत तेजी से विश्व के मानचित्र पर उभरा है। शुरुआती दौर में अपैरल सेक्टर को ऑर्डर रद्द होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन स्थिति पटरी पर लौट रही है। वहीं, कोरोनावायरस के कारण मल्टीनेशनल कंपनियां चीन से निकलकर भारत आना चाहती है।
इसकी वजह से भारत यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की बाजार की मांग की आपूर्ति कर सकता है। जिससे नए आयाम खुलेंगे और करोड़ो डॉलर का बिजनेस भारत को मिलेगा। इसके अलावा भारत सरकार के आत्म निर्भर भारत अभियान से स्थानीय अपैरल निर्माता को भी लाभ मिलने की प्रबल संभावना है।
वहीं, एएमएच एसएससी के सीईओ डॉ. रूपक वशिष्ठ ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद की स्थिति में देश में अधिक हुनरमंद लोगों की आवश्यकता होगी। इसके लिए एएमएच एसएससी राज्य सरकारों के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर युवाओं को हुनरमंद बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मापदंड का पालन करने के लिए इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रही है।
इस अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में ग्रेग रगल ने कहा कि अमेरिका और चीन के मतभेद के कारण अपैरल कंपनियां चीन से निकलकर दूसरे देशों में जाने के लिए विकल्प ढूंढ रही है। दुनिया भारत की तरफ उम्मीद की नजरों से देखने लगी है। भारत में अलग-अलग तरह के फैब्रिक बनाने का माद्दा है। ऑनलाइन बिजनेस ने छोटे रिटेलर से लेकर अपैरल निर्माता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मंच दिया है।