लक्ष्य को भेदकर मनीष ने अर्जुन अवॉर्ड पर लगया निशाना

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देश विदेश में शूटिंग की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले जिले के पैरा शूटर मनीष नरवाल ने फरीदाबाद का नाम ऊँचा कर दिया है मनीष नरवाल का नाम अर्जुन आवार्ड के लिए चयनित हुआ है। स्पोर्ट्स अथोरिटी ऑफ इंडिया ने मनीष से समपर्क कर इस बारे में जानकारी दी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 अगस्त को स्कूल सम्मानित करेंगे उनके परिवार में खुशी का माहौल 18 वर्षीय मनीष नरवाल सोनीपत के गांव कथुरा के रहने वाले हैं दिलबाग सिंह नौकरी के सिलसिले में 1993 में 19 फरीदाबाद आए थे

लक्ष्य को भेदकर मनीष ने अर्जुन अवॉर्ड पर लगया निशाना

कबड्डी के लिए जाना जाता है इस काम से डीआईजी ओम प्रकाश शर्मा डीएसपी सोमनाथ भारती के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं इनके अलावा ओमप्रकाश प्रदीप संदेश सुरजीत दीपक और राकेश में भी कबड्डी में अपनी अपनी अलग पहचान बनाई है

लेकिन पिता विभाग से और मां संतोष देवी की सोच अलग थी मैं चाहते थे गांव से कबड्डी में अन्य खिलाड़ी हैं लेकिन वह शूटिंग में अपने बच्चे को भेजकर कुछ अलग गांव को देना चाह रहे थे कि बात दिलबाग सिंह ने बड़े बेटे मनीष को को राकेश के पास 4 साल पहले शूटिंग के गुर सिखाने के लिए भेज दिया

मनीष में अपने मजबूत इरादों को रखते हुए अपनी पहचान बनाने शुरू कर दी मनीष ने जिला प्रदेश में नेशनल पर उम्दा प्रदर्शन करते हुए विदेशों तक धात बनाएं मनीष ने 2018 में इंडोनेशिया में हुए उनकी के 10 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता 50 मीटर में रजत पदक जीता 2019 में हुए एशियन चैंपियनशिप में 10 और 50 मीटर में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे

लक्ष्य को भेदकर मनीष ने अर्जुन अवॉर्ड पर लगया निशाना

इतना ही नहीं शूटिंग में हैं इनके अलावा मनीष ने पैरा में 2020 के लिए लिया था लेकिन कोरोनावायरस के कारण तथा उपलब्धियों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनीष को सम्मानित कर चुके हैं मनीष जैन से दाएं हाथ है दाएं हाथ से दिव्यांग है लेकिन उनमें प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई है

लक्ष्य को भेदकर मनीष ने अर्जुन अवॉर्ड पर लगया निशाना

मनीष खेल को महत्व देते हैं वही पढ़ाई की ओर भी ध्यान देते हैं मनीष ने इस बार 12वीं कक्षा पास की है और अब तक करने के लिए प्रवेश लेंगे मनीष हर रोज 8 से 10 घंटे तक प्रैक्टिस करते हैं मनीष भाई बहन है सबसे बड़े हैं की तमन्ना है सभी मैं मनीष का हौसला बढ़ाया है

माता-पिता की कुर्बानी की कुर्बानी के चलते कहते हैं कि 2028 तक तीन ओलंपिक होने हैं और वह तीन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतने के लिए पदक जीतना चाहते हैं