lockdown में विराजे भगवान ,घर का भोग खाएंगे गजानन

0
332

हिंदू धर्म के सभी देवताओं से जुड़े त्‍योहार हमेशा खास और महत्वपूर्ण होता है और  सभी पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन खास मौकों पर अलग-अलग तरह के व्‍यंजन और पकवान बनाए जाते हैं और भगवान को उनका भोग लगाया जाता है। जैसे कान्‍हाजी को जन्‍माष्‍टमी पर माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है तो शिवरात्रि पर शिवजी को भांग धतूरा और बेलपत्र चढ़ाकर प्रसन्‍न किया जाता है। वैसे ही गणेश चतुर्थी पर गणपतिजी को मोदक का भोग लगाया जाता है।

lockdown में विराजे भगवान ,घर का भोग खाएंगे गजानन

भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी  का त्योहार मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 22 अगस्त 2020 यानी कि आज मनाया जा रहा है।

गणपत्यथर्वशीर्ष में तो यहां तक लिखा है कि, “यो मोदकसहस्त्रेण यजति स वांछितफलमवाप्नोति।” यानी जो भक्त गणेश जी को एक हजार मोदक का भोग लगाता है गणेश जी उसे मनचाहा फल प्रदान करते हैं यानी उनकी मुरादें पूरी होती हैं। मोदक के प्रति गणेश जी का यह प्रेम यूं ही नहीं है।

lockdown में विराजे भगवान ,घर का भोग खाएंगे गजानन

गणेश जी बच्चो के काफी प्रिये होते है ,तो इसलिए बच्चो को भी मोदक बेहद पसंद आते है ।इसलिए इन दिनों बच्चो के सबसे ज्यादा मजे होते है क्योंकि गणेश जी के पूजन में मोदक चढ़ाना आवस्यक होते है ।इस वजह से बच्चो को भी मोदक खाने को मिलता है ।

लेकिन कोरोना काल के कारण इस बार बाजारों से बहुत कम मोदक की खरीदारी की जा रही है ,लोग कोरोना के डर के कारण इस बार मोदक अपने घरों में ही बना रहे है  ।ताकि इस बार गणेश जी को भक्तजन अपने हाथ से बनाये मोदक अपने भगवान को चढ़ाकर उन्हें खुश कर सके ।

lockdown में विराजे भगवान ,घर का भोग खाएंगे गजानन

दरअसल गणेश जी का एक दांत टूटा हुआ है इसलिए गणेश जी एकदंत कहलाते हैं। मोदक तलकर और स्टीम करके दो तरह से बनाए जाते हैं। दोनों ही तरह से बने मोदक मुलायम और आसानी से मुंह में घुल जाने वाले होते हैं इसलिए टूटे दांत होने पर भी गणेश जी इसे आसानी से खा लेते हैं। इसलिए बिद्धिमान गणेश जी को मोदक बेहद पसंद है।

lockdown में विराजे भगवान ,घर का भोग खाएंगे गजानन

मोदक को शुद्ध आटा, घी, मैदा, खोआ, गुड़, नारियल से बनाया जाता है। इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए गुणकारी और तुरंत संतुष्टिदायक होता है। यही वजह है कि इसे अमृततुल्य माना गया है। मोदक के अमृततुल्य होने की कथा पद्म पुराण के सृष्टि खंड में मिलती है।

lockdown में विराजे भगवान ,घर का भोग खाएंगे गजानन

गणेश जी को शास्त्रों और पुराणों में मंगलकारी माना गया है। मोदक गणेश जी के इसी व्यक्तित्व को दर्शाता है। मोदक का अर्थ होता है आनंद देने वाला। गणेश जी मोदक खाकर आनंदित होते हैं और भक्तों को आनंदित करते हैं।

इसलिए इस साल लोग अपने घरों में मोदक बना रहे है और अपने भगवान को प्रसन कर रहे है ।