HomeFaridabadहाय रे कोरोना की ऐसी मार, हाल बेहाल सूना पड़ा फरीदाबाद

हाय रे कोरोना की ऐसी मार, हाल बेहाल सूना पड़ा फरीदाबाद

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कोरोना संक्रमण के मामले देश भर में जिस तेज़ रफ़्तार के साथ बड़ रहे हैं, उससे लगता नहीं की ज़िन्दगी की रेल जल्दी वापिस पटरी पर आ पायेगी | एक दिन में भारत में कोरोना के 69 ,878 नए मामले सामने आने से कुल आंकड़ा 30 लाख से भी पार पहुंच गया तो वहीं सिर्फ हरियाणा में 52,129 कैसेस हो गए हैं | ऐसे में सरकार के भी पसीने छूट रहे हैं की आखिर इस वैश्विक परेशानी का हल निकाले तो कैसे |


इसी बीच हरियाणा सरकार ने एक नयी तरकीब ढूंढ निकाली है | हरियाणा के स्वस्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने ट्वीट करके ये जानकारी दी कि पूरे हरियाणा राज्य में सभी सरकारी दफ्तर और बाज़ार हफ्ते में दो दिन यानी शनिवार और ऐतवार के लिए पूरी तरह से बंद रहेंगे | गृह मंत्री ने यह जानकारी 21 अगस्त 2020 को दी तो 22 अगस्त को आदेश लागू होते ही मानो जैसे मिनी लॉक-डाउन जैसी स्थिति हो गयी हो | चहल पहल वाले सभी बाज़ार वापिस शनिवार और ऐतवार के लिए बंद हुए तो इसका सबसे बड़ा असर फरीदाबाद के बाज़ारो में देखने को मिला | फरीदाबाद के सभी प्रतिष्ठित बाज़ार जैसे – बल्लभगढ़, एन.आई.टी क्षेत्र मार्किट नंबर 1,2,3, और एन.आई.टी 5 की सभी दुकाने बंद नज़र आयीं |

हाय रे कोरोना की ऐसी मार, हाल बेहाल सूना पड़ा फरीदाबाद


इस आदेश को सुनने के बाद व्यापारियों ने हरियाणा सरकार के इस आदेश से असहमति जताई | व्यापारियों का यह मानना है कि बाज़ारो में असल काम और रौनक ही सिर्फ सप्ताहांत यानी वीकेंड पर देखने को मिलती है और इन्ही दो दिनों में कुछ कमाई हो पाती है, ऐसी में सरकार के इस फैसले से व्यापारियों को काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है | गौरतलब है कि यह वही व्यापारी हैं जो पहले भी लॉक-डाउन और आर्थिक मंदी झेल चुके हैं | ऐसे में कुछ व्यपारी बाज़ारो के चौराहो पर इस फैसले का विरोध करते हुए नज़र आये |

हाय रे कोरोना की ऐसी मार, हाल बेहाल सूना पड़ा फरीदाबाद


उनका मानना यह है कि सरकारी दफ्तर और बाज़ार एक ही समय पर बंद न किये जाएँ क्यूंकि दफ्तर की छुट्टी के दिन ही लोग खरीदारी के लिए बाज़ार आते हैं जिससे की व्यापारियों की सेल होती है | यदि महीने में सिर्फ २२ ही दिन बाज़ार खुलेगा तो उनको काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है | ऐसे में देखना यह है कि सरकार व्यापारियों की इस फ़रियाद पर कब और क्या एक्शन लेती है |

Written by – MITASHA BANGA

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