दुखद खबर : आलू की कमी से गई लाखों लोगों की जान, फरीदाबाद में भी खतरा?

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    महामारी कोरोना दुनिया के लिए एक ऐसा श्राप बन कर आई है जिस से निजाद पाना संभव नहीं लग रहा है। महामारी के आकड़ें लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना से जूझ रहे नेटिव अमेरिका को आयरलैंड आर्थिक रूप से मदद पहुंचा रहा है। इसकी वजह 173 साल पुरानी वो छोटी सी मदद है, जो उन्होंने आयरलैंड में आए आलू के अकाल के समय की थी। इस अकाल में लाखों आयरिश लोगों की जान चली गई थी।

    पहचान फरीदाबाद अपने पाठकों के लिए रोज़ाना नई – नई जानकारियां लेकर आता है। आज हम आपको आयरलैंड में आए आलू के अकाल के बारे में बताएंगे, जिसकी शुरुआत साल 1845 में हुई थी।

    दुखद खबर : आलू की कमी से गई लाखों लोगों की जान, फरीदाबाद में भी खतरा?

    देश और दुनिया में अनेकों आकाल आये हैं। भारत हो या कोई अन्य देश सभी ने बहुत कुछ कहा है। उस समय आयरलैंड में P. infestans नाम के एख खास फंगस ने आलू की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था। ये सिलसिला एक या दो साल नहीं बल्कि पूरे सात साल के बाद 1852 में थमा। तब तक भुखमरी और खराब आलू खाने से 10 लाख से ज्यादा आयरिश लोगों की मौत हो चुकी थी।

    दुखद खबर : आलू की कमी से गई लाखों लोगों की जान, फरीदाबाद में भी खतरा?

    दुःख में जो साथ छोड़ दे उसको अपना नहीं कहा जाता लेकिन यहां स्थिति ऐसी बन गई थी कि लाखों लोग आयरलैंड छोड़कर दूसरे देशों में चले गए थे। ऐसा कहा जाता है कि आलू के अकाल के कारण आयरलैंड की आबादी 25 फीसदी तक कम हो गई थी। आलुओं में फंगस लगने के वजह से आयरिश नेताओं ने क्वीन विक्टोरिया को भुखमरी फैलने के बारे में बताया और लोगों की मदद करने के लिए अपील किया।

    अंग्रेज जहां जाते थे वहां भुखमरी होना स्वाभाविक होता था। उस समय आयरलैंड पर अंग्रेजी शासन था। मदद के तौर पर क्वीन विक्टोरिया ने कॉर्न लॉ वापस ले लिया। कॉर्न लॉ को वापस लेने की वजह से अनाज की कीमत अपेक्षाकृत कम हो गई, लेकिन तब भी भुखमरी खत्म नहीं हो सकी। 19वीं सदी में आयरलैंड खेती-किसानी करने वाला देश था। लेकिन अकाल और महामारियों से जूझने के कारण काफी गरीब हो गया था।

    दुखद खबर : आलू की कमी से गई लाखों लोगों की जान, फरीदाबाद में भी खतरा?

    महामारी कोरोना ने तो ऐसा डरा दिया था कि भुखमरी फैलने वाली है। आलू के अकाल के समय आयरलैंड की 70 फीसदी आबादी आलू ही खाया करती थी। इसके पीछे वजह ये थी कि वे ना तो कुछ और उपजा सकते थे और ना ही खरीद पाते थे। आलू के फसल में बीमारी फैल जाने के कारण आयरलैंड की आबादी का एक बड़ा हिस्सा बूरी तरह से प्रभावित हो गया।