HomeInternationalआंध्र प्रदेश में सबसे कम है शिक्षा दर, हरियाणा के आंकड़ों ने...

आंध्र प्रदेश में सबसे कम है शिक्षा दर, हरियाणा के आंकड़ों ने चौंकाया: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस

Published on

विश्व में आज अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। हर वर्ष आठ सितंबर को दुनियाभर में साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत सन 1966 में हुई थी, यूनेस्को ने शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की स्थापना की थी।

दुनियाभर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने हेतु आठ सितंबर को ‘विश्व साक्षरता दिवस’ मनाया जाने लगा। इस बार दुनियाभर में कोरोना महामारी प्रकोप के चलते साक्षरता दिवस की थीम ‘साक्षरता शिक्षण और कोविड -19: संकट और उसके बाद’ पर रखी गई है। कोरोना संक्रमण ने पूरे विश्व में पढ़ाई के तौर तरीकों को बदल कर रख दिया है।

आंध्र प्रदेश में सबसे कम है शिक्षा दर, हरियाणा के आंकड़ों ने चौंकाया: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस

जहां पहले सभी विद्यार्थी स्कूल जाकर अपनी शिक्षा ग्रहण किया करते थे अब वह सारी पढ़ाई उन्हें ऑनलाइन माध्यम से करनी पड़ रही है। बात करें भारत की तो भारत में साक्षरता दर 77.6 % है। हर राज्य, हर शहर, हर गाँव में स्कूल की सुविधा होने के बावजूद हमारा देश 80 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर पाने में भी सामर्थ्यवान नहीं हो सका।

आंध्र प्रदेश में सबसे कम है शिक्षा दर, हरियाणा के आंकड़ों ने चौंकाया: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस

बात करें साक्षर सूची की तो इन आंकड़ों में आंध्र प्रदेश का प्रदर्शन काफी ज्यादा निराशा जनक रहा है। राज्य में केवल 66.4 % साक्षरता दर है। जबकि केरल राज्य में साक्षरता दर 96.2 % है। इसी के साथ केरल साक्षरता सूची में पहले पायदान पर रहा। जबकि राजधानी दिल्ली 88.7 प्रतिशत दर के साथ दुसरे स्थान पर काबिज़ है।

कैसा रहा पढ़ाई के मामले में हरियाणा का प्रदर्शन ?

हरियाणा राज्य में शिक्षा दर 80.4 प्रतिशत है। यह आंकड़े राज्य के लिए ज्यादा लाभकारी नहीं है। हरियाणा में जिस तरीके से शिक्षा कारोबारियों ने अपने कारोबार का इजाफा किया है उसके आगे यह आंकड़ा ऊँठ के मुँह में जीरा प्रतीत होता है। राज्य के स्मार्ट शहरों की बात की जाए तो फरीदाबाद और गुरुग्राम को एजुकेशन हब की उत्पादि से नवाज़ा गया है।

आंध्र प्रदेश में सबसे कम है शिक्षा दर, हरियाणा के आंकड़ों ने चौंकाया: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस

पर अगर आंतरिक स्तर पर देखा जाए तो राज्य के तमाम गाँव ऐसे हैं जहाँ पर अभी भी बच्चे और विशेष तौर पर लडकियां पढ़ाई करने के हक से महरूम हैं। सरकार ने नई नीतियों का गठन किया है जिनमे राजकीय स्कूलों को और बहेतर बनाने की बात की गई है।

आंध्र प्रदेश में सबसे कम है शिक्षा दर, हरियाणा के आंकड़ों ने चौंकाया: अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस

राज्य के राजकीय स्कूलों में अब सभी छात्रों को अंग्रेजी में पढाया जाएगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में इस मुहीम के माध्यम से राज्य के साक्षरता दर में इजाफा हो सकेगा।

Latest articles

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है: कशीना

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है, इसका संबंध...

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व...

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

More like this

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है: कशीना

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है, इसका संबंध...

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व...