हरियाणा के करनाल स्थित महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय में ‘खुम्ब उत्पादन, प्रोसेसिंग व विपणन’ विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन वेबीनार शुरू हुआ जिसका उदघाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने किया ।
राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत आयोजित इस वेबीनार में प्रो. समर ने कहा कि बागवानी के विविधिकरण में मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जो कम पैसे से शुरू किया जा सकता है और सफल होने पर मशरूम उत्पादन को किसी भी स्तर पर बढ़ाया जा सकता हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में अभी इसका उपयोग मात्र 100 ग्राम प्रति व्यक्ति ही है जबकि नीदरलैंड व चीन में इसका उपयोग बहुत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र में और भी नई प्रजातियां आ चुकी हैं। इन आधुनिक प्रजातियों का मार्किट में भाव भी अधिक है जिनके उत्पादन से किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। प्रो. समर सिंह ने कहा कि किसानों को खुम्ब का आर्थिक विश्लेषण व विपणन के बारे में जानकारी प्राप्त करने की भी बहुत आवश्यकता है। विपणन में सरकारी हस्तक्षेप से सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब मार्किट में खुम्ब का उत्पादन आवश्यकता से अधिक हो जाता है तो उत्पादक इसे स्टोर नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में वर्तमान में प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की आवश्यकता है।