- विपक्ष लगातार दिल्ली सरकार पर हमलावर
- महामारी के दौरान किसी भी स्कूल को फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं
दिल्ली सरकार लगातार शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने का कर रही काम, और यही सच्चाई भी है। केजरीवाल सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में दिल्ली का कायाकल्प किया था और इसी का नतीजा निकला कि आप पार्टी की सरकार दिल्लीवासियों ने फिर से बनवा दी।
अब ऐसे में केजरीवाल की नीति ही बदल गई अब वो किसी पर आरोप-आक्षेप लगाने की जगह लगातार अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं और इसी के चलते कोरोनाकाल में आप पार्टी जैसा काम कर रही है उससे दिल्लीवासी काफी खुश हैं
वो अलग बात है कि इतने पर भी विपक्ष लगातार दिल्ली सरकार पर हमलावर है। खैर आपको बतादें कि इस बार एक बार फिर से दिल्ली सरकार की तरफ से ठोस कदम उठाते हुए स्कूल संचालकों को नसीहत दी है।
जिसके तह केजरीवाल सरकार ने कहा है कि कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता और नाहीं ट्यूशन फीस के अलावा कोई और फीस लेगा। इस तरह से कोरोना संकट के बीच दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर ये बड़ा फैसला किया है।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने चाणक्यपुरी के एक नामी स्कूल की फीस बढ़ाने की अनुमति भी रद्द कर दी है। बतादें कि दिल्ली उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि संस्कृति स्कूल को फीस वृद्धि के लिए दी गई मंजूरी को वापस लिया जा रहा है।
ये पाया गया कि फीस वृद्धि के लिए अनुमति देते समय कुछ तथ्यों की अनदेखी की गई थी। सिसोदिया ने कहा कि इस महामारी के दौरान किसी भी स्कूल को फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं है। अगर कोई भी ऐसा करता है तो एसे स्कूलों पर सख्त कार्रवाई होगी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि संस्कृति स्कूल के छात्रों के माता-पिता आज मुझसे मिले। कुछ अभिभावकों की शिकायत आई है कि पिछले कुछ दिनों में संस्कृति स्कूल ने फीस 83 प्रतिशत तक बढ़ा दी। इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए संस्कृति स्कूल को फीस को बढ़ाने की जो अनुमति दी गई थी वो हम वापस ले रहे हैं।
तो कुल मिलाकर केजरीवाल सरकार का ये फैसला अभिभावकों के हित में ही है। इस समय सरकार फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है और जनहित में फैसले लेने का काम भी कर रही है और इसी का नतीजा ये बड़ा फैसला भी है जो दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने लिया है।