लॉकडाउन में माँ बनी महिलाओं ने साझा किया अपना अनुभव, घर पर छाई है खुशियों की लहर

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महामारी के चलते जिंदगी ठहर सी गई थी। हर तरफ नकारात्मकता का संचार हो रहा था। बहुत से लोग ऐसे भी थे जो तनाव के शिकार हो गए थे। ऐसे समय में जब लोगों के घरों में किलकारी गूंजी, तो फिर से खुशियां लौट आई। इससे सारी निगेटिविटी भी दूर हो गई।

लॉकडाउन के दौरान जो महिलाएं माँ बानी हैं उन्होंने अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि नन्हे मेहमान के आगमन ने उनके घर को खुशियों से भर दिया है। अपना अनुभव साझा करते हुए फरीदाबाद की रॉक्सी मंडल बताती हैं कि उनकी प्रेग्नेंसी के सबसे अहम महीने लॉकडाउन में गुजरे।

लॉकडाउन में माँ बनी महिलाओं ने साझा किया अपना अनुभव, घर पर छाई है खुशियों की लहर

महामारी के चलते उनके पति की सैलरी भी आधी कट गई और दूसरी तरफ उनका पार्लर का काम भी ठप हो गया। उन्हें तमाम चीजों को लेकर चिंता होती थी। लेकिन उन्होंने छोटी छोटी चीजों में खुशियां खोजना शुरू किया। खुश रहने के लिए प्रेग्नेंसी शूट भी करवाया और बेबी शूट भी।

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वह बताती हैं कि इस मुश्किल भरे दौर में उन्हें मानसिक तनाव भी होता था। लेकिन बेटे के जन्म ने उन सभी तकलीफों को भुला दिया। रॉक्सी बताती हैं कि अपने बेटे को गोद में लेते ही उन्हें लगा जैसे सारा जहां उनकी गोद में सिमट आया हो।

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पहली बार माँ बनी फरीदाबाद निवासी पूजा सोलंकी बताती हैं कि महामारी के चलते उनकी और उनके पति की नौकरी चली गई। लॉकडाउन के बाद उनके जीवन पर विराम लग चुका था। उन्हें हर क्षण खतरा महसूस होता था। पर वह बताती है कि इस दौरान उन्हें अपने पति का पूरा सहयोग मिला। पहले उनके पति व्यस्तता के चलते उनका ज्यादा ध्यान नहीं रख पाते थे।

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वर्क फ्रॉम होम मिलने के बाद वह पूजा की तरफ ध्यान देने लगे। पूजा बताती हैं कि डिलिवरी के वक्त प्रशासन से अनुमति लेकर उन्होंने अपनी सास और माँ को भी बुला लिया था। वह बताती हैं कि बेटी के जन्म ने उन्हें नै जिंदगी दी है। वह काफी पॉजिटिव महसूस करती हैं। घर पर आए नन्हे मेहमान ने उनकी खुशियां में इजाफा कर दिया है।