पर्यावरण संरक्षण में जुटी सेव अरावली की टीम एक और बड़ा जिम्मा उठाने की तैयारी कर रही है । योजना है नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव व शहर में चल रही डेयरिया के गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद( केंचुआ खाद) बनाने की।
जैविक खाद में गोबर खाद और कम्पोस्ट खाद का विशेष महत्व होता है। इसका संतुलित उपयोग कर किसान अपने खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति को स्थाई रूप से बड़ा सकता है।
इसके लिए सेव अरावली के संस्थापक जितेंद्र बढ़ाना और टीम के सदस्यों की निगम आयुक्त डॉ यश गर्ग से बात हो चुकी है। फिलहाल सेव अरावली और नगर निगम ऐसी जगह की तलाश कर रही है, जहां शहर भर का इधर उधर पड़ा रहने वाला गोबर इकट्ठा किया जा सके। बता दे सेव अरावली संस्था पर्यावरण संरक्षण के लिए हर साल बड़े स्तर पर पौधारोपण करती हैं।
कई वन क्षेत्र विकसित कर दिए हैं मुख्य रूप से अरावली को सवारने की दिशा में भी कई कदम उठाए गए हैं।
एक साथ होंगे कई फायदे
मैंने योजना से एक साथ होने की उम्मीद है। पहला नगर निगम के स्वच्छता अभियान को पलीता लगाने वाला गोबर सही ठिकाने पर पहुंच जाएगा। बारिश के दिनों में सीवर जाम होने का बड़ा कारण गोबर भी होता है। नगर निगम को इसके लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना है।
सेव अरावली की टीम उसमें आप गोबर उठाएगी। और खाद बनाने की सबसे बड़ी बात स्कूल से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी जिसका उपयोग अरावली सहित अन्य सभा पौधारोपण के समय किया जा सकेगा।
साथ ही रूपए जा चुके पौधों में बीज खाद का उपयोग होगा इससे पौधों का विकास सही प्रकार से होगा दरअसल यह एक उत्तम जैविक खाद है जो केंचुआ से बनाई जाती है 6 से 7 सप्ताह में यह खाद बनकर तैयार हो जाती है।