उपायुक्त यशपाल यादव के दिशा-निर्देशानुसार कोविड-19 के कोऑर्डिनेटर डॉ. एम.पी. सिंह ने एमएचए (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स) द्वारा जारी की गई एसओपी (स्टैंड ओपरेटिंग पोसिजर) के बारे में राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी फरीदाबाद में जागरूकता के लिए एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया।
जिसमें उन्होंने कहा कि नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थी वॉयलेएंट्री बेसिस पर अपने माता-पिता की अनुमति से अध्यापकों का मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए विद्यालय आ सकते हैं। लेकिन इन्हें दो गज की दूरी बनाकर रखनी होगी तथा मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
साबुन से हाथों को धोने का प्रावधान विद्यालय में होगा तथा गेट पर सैनिटाईजर, डिस्पेंसर होगा ताकि सभी विद्यार्थी और अध्यापक अपने हाथों को सैनिटाईज करने के बाद ही अपने कक्षा में जा सके इसके साथ थर्मल स्क्रीनिंग भी उनकी गेट पर की जाएगी।
यदि किसी को छींक आती है या खांसी होती है तो उसके लिए अध्यापकों को सुपरविजन करना होगा तथा अति शीघ्र जिला प्रशासन की हेल्पलाइन 1950 या राज्य की हेल्पलाइन 1075 पर सूचना देनी होगी यदि कोई विद्यार्थी या अध्यापक बीमारी की स्थिति में विद्यालय आते हैं
तो उन्हें तुरंत सरकारी अस्पताल को बताना होगा। डॉ. एम.पी. सिंह ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले विद्यार्थी और अध्यापकों को विद्यालय नहीं आना चाहिए जिन विद्यालयों में क्वारेंटाइन सेंटर बना हुआ है।
उनको प्रतिदिन सैनिटाईज करना होगा तथा विद्यालय में 50 फ़ीसदी अध्यापकों को ही मार्गदर्शन देने के लिए बुलाना होगा बुलाने से पहले उनका कोविड टेस्ट होना अनिवार्य है। किसी भी अध्यापक और विद्यार्थी को सार्वजनिक स्थान पर थूकना बिल्कुल मना है।
सभी मोबाइलों में आरोग्य सेतु एप होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय प्रयोगशाला व कॉमन यूटिलिटी एरिया को 1% सोडियम हाइपोक्लोराइड सॉल्यूशन से सैनिटाईज करना होगा बायोमेट्रिक, अटेंडेंस की बजाए किसी अन्य तरीके को हाजिरी के लिए अपनाना होगा,
हाउस कीपर, सेवादार प्रशिक्षित होने चाहिए ताकि वेस्टमैट्रियल और डिस्पोजल को सावधानीपूर्वक उठा सकें और संक्रमण से बच सकें, टॉयलेट बाथरूम की विशेष साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा में ही सभी की सुरक्षा है,
उन्होंने कहा कि अभिवादन के लिए हमें हाथ नहीं मिलाने चाहिए और गले भी नहीं लगना चाहिए, किसी का भोजन शेयर करके प्यार नहीं जताना चाहिए, पानी की बोतल भी अपनी अलग ही होनी चाहिए, अपनी पुस्तक व कलम अन्य किसी को नहीं देनी चाहिए
, किसी दूसरे की कुर्सी का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए एक दूसरे के पास तभी जाना चाहिए जब बहुत जरूरी हो अन्यथा एवॉइड करना चाहिए। जागरूकता ही इस कोरोना वायरस का बचाव है। मार्गदर्शन करते व पढ़ाते समय विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।
पढ़ाई से संबंधित सामग्री जैसे डस्टर, मारकर, चौक अपना अपने पास ही रखें बार-बार किसी के हाथ नहीं लगने चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य संजीव चावला ने डॉ. एम.पी. सिंह का स्वागत किया तथा विद्यालय की वाइस प्रिंसिपल रसायन विज्ञान की प्रवक्ता पूनम ने महत्वपूर्ण जानकारियों व मार्गदर्शन देने के लिए डॉ. एम.पी. सिंह का आभार जता कर उन्हें आश्वस्त किया कि स्कूल प्रबंधन एमएचए (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स) तथा जिला प्रशासन के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना के साथ ही भविष्य में काम करेंगे।