छह महीने से कम हुई यातायात की गति ने घटाए सड़क हादसे

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कोरोना से होने वाली मौत के आकड़े बेशक हमे डरा रहे हो ,लेकिन सड़क पर होने वाले हादसे कहि ना हमे रहत की साँस देते है। कोरोना के बढ़ने के डर से सभी चीजों पर रोक लगा दी गयी थी लेकिन अब अर्थववस्था को फिर से पटरी पर लेन के हर चीज को फिर से नए ढंग से और सिरे से खोला जा रहा है। इसलि यातायात के साधन भी धीरे धीरे शुरू किये जा चुके है।लेकिन नए नियम और दोगुना चलन के साथ।

छह महीने से कम हुई यातायात की गति ने घटाए सड़क हादसे

लोग सोचते है की यह उनके लिए आफत है लेकिन कहि न कहि सरकार के लिए गए निर्णय हमारे लिए जरूरी होते है। जैसे माँ बाप की डाट बचे को पसंद नहीं आती लेकिन वो बच्चे की भलाई के लिए होती है इसका पता बच्चे को समय आने पर पता लगता है। इसी तरीके से सर्कार के लिए गए निर्णय कभी कभार पसंद नहीं आते लेकिन समय आने पर पता लगता है की यह निर्णय हमारे फायदे के लिए लिए गए है।

छह महीने से कम हुई यातायात की गति ने घटाए सड़क हादसे

यातायात के कई निर्णय ऐसे है जो कोरोना काल के दौरान बदले है। मास्क ,हेलमेट आदि कई अन्य चलानो के रेट भड़ा दिए गए है। इसके डर से लोग यातायतो के नियमो का पालन करने लगे है। इस दौरान सड़क हादसे भी कम होने लगे है। फरीदाबाद में वर्ष 2018 और 2019 के मुकाबले 2020 में सड़क हादसों की गिनती कम है।

आपको बता दें के दो 2018में सड़क दुर्घटनाएं 886 है और वही मौतें 255 है , 2019 इस सड़क दुर्घटनाएं 1021 है और मौतें 254 है , वही 2020 की अगर बात करें तो सड़क दुर्घटनाएं 310 है और मौत 54 है ।

छह महीने से कम हुई यातायात की गति ने घटाए सड़क हादसे

इन आंकड़ों से अनुमान लगाया जा सकता है कि पहले के मुकाबले अब सड़क हादसे और मृत्यु दर दोनों कम है। भड़ाये गए यातायात के चालान कहीं ना कहीं लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हुए हैं।