एक डिजीटल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अशोक कुमार मीणा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए गत दो वर्षों के दौरान चलाई गई अनेक गतिविधियों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2 वर्ष पहले आज के दिन ही यह योजना शुरू की गई थी, जबकि हरियाणा ने इसे केंद्र सरकार से एक माह पहले ही आरम्भ कर दिया था। इसी के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार ने 21 से 25 सितंबर तक योजना की सफलता पर विचार -विमर्श करने हेतू ‘आरोग्य मंथन’ का आयोजन किया है।
इस अवसर पर आयुष्मान भारत हरियाणा के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ रवि विमल भी मौजूद थे। श्री मीणा ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य मंत्री, श्री अनिल विज के निर्देश और अतिरिक्त प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य श्री राजीव अरोड़ा के मार्गदर्शन में यह योजना क्रियान्वित की गई। इसके तहत राज्य के करीब 15.50 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा प्रदान की जानी है।
इस योजना के अंतर्गत अभी तक 7.7 लाख परिवार पंजीकृत हुए हैं, शेष परिवारों को जोडऩे के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, राज्य में अब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के उपचार पर 1,690,677,990 रुपये खर्च किए हैं। जो दर्शाता है कि हरियाणा इसे सबसे जल्दी लागू करने वाला राज्य है।
आयुष्मान योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है , जिसे स्वास्थ्य सेवा के दृष्टिकोण को बदलने के लिए सावधानीपूर्वक बनाया गया है। आयुष्मान भारत के मुख्य उद्देश्यों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा आयुष्मान भारत ने लगातार सुधार के लिए काम किया है। इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करते हुए इसके कार्यान्वयन में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने प्रमुख भूमिका निभाई।
थोड़े समय के भीतर हरियाणा आयुष्मान भारत ने 22,48,476 (22.46 लाख) लाभार्थियों को सत्यापित किया है। इसके अलावा राज्य और एनएचए, डीएचसीपी दोनों में 545 अस्पतालों को उपचार के लिए सूचीबद्ध किया है। उन्होंने आगे कहा कि इसके अंतर्गत 1,74,341 मरीज अस्पतालों में दाखिल हुए हैं।
आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल में पारदर्शिता के साथ-साथ गोल्डन काड्र्स को 100 फीसदी आधार से जोड़ा गया है। आयुष्मान के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ रवि विमल ने कहा कि काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) ने देश के 163 अस्पतालों को गुणवत्ता मान्यता दी है, इनमें हरियाणा के सबसे अधिक 75 अस्पताल हैं। इन 75 क्यूसीआई मान्यता प्राप्त अस्पतालों में से 33 अस्पतालों को गोल्ड सर्टिफिकेट, 39 को सिल्वर सर्टिफिकेट और 3 को कांस्य प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।