बल्लभगढ़ के इस इलाके में कोरोना वायरस का आना है नामुमकिन ।

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 बल्लभगढ़ के इस इलाके में कोरोना वायरस का आना है नामुमकिन ।

फरीदाबाद : वायरसों के समूह कोरोना वायरस को देश और दुनिया से हटाने के लिए लॉक डाउन लगाया गया । इसका उद्देश्य केवल एक ही है कि सभी लोग अपने घरों में रहें और इस बीमारी के संक्रमण में ना आए ।

बल्लभगढ़ के इस इलाके में कोरोना वायरस का आना है नामुमकिन ।

घनी आबादी वाला हमारा देश यहां पर लोगों से लॉक डाउन का पालन करवाना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन बरसात होने की वजह से सरकार का कार्य अब हल्का होता नज़र आ रहा है ।


यह भी कहा जा सकता है कि सरकार ने लॉक डाउन का पालन करवाने के लिए पहले से ही तैयारियां कर रखी है। बस केवल बरसात का इंतजार था बरसात होते ही हालात इस प्रकार उत्पन्न हो चुके हैं कि लोग अपने घरों से वैसे ही नहीं निकल पा रहे हैं।
हम अपनी बात अपने पाठकों को घुमा फिरा कर ना बताते हुए सीधे-सीधे यह बताना चाहते हैं कि सरकार ने फरीदाबाद शहर की गली गली में इतना उन्नति का कार्य कर रखा है जिसकी वजह से चंद बूंदों की बरसात गलियों में लबालब कीचड़ का सैलाब मचा देती है।


घर से बाहर निकलते ही कीचड़ होने की वजह से लोग अपने घरों में ही रहेंगे । इसमें कोई संदेह करने कि बात नहीं है । सरकार द्वारा शहर में इस प्रकार सड़कों का निर्माण किया गया है की दो बूंद बारिश से ही गली गली में केवल कीचड़ दिखाई दे रही है और इस कीचड़ में वाहन लेकर चलना तो छोड़िए आप पैदल चलने की कल्पना भी नहीं कर सकते।

बल्लभगढ़ के इस इलाके में कोरोना वायरस का आना है नामुमकिन ।


यदि फरीदाबाद शहर में हर 2 दिन बाद बरसात होने लगी तो शहर में वैसे ही लॉक डाउन की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। केवल एक या दो इलाकों में सड़कों के ऐसे हालात नहीं है बल्कि अधिकतर इलाके बरसात के कारण आपको ऐसे ही दुर्गम मार्ग बनते दिखाई देंगे।
दिया गया नजारा बल्लभगढ़ स्थित गांव जवां का है । गांव के अंदर जाने का मुख्य मार्ग की हालत आप देख सकते हैं शायद यहां एक पल के लिए कोरोना भी जाने से कतरा जाए । अब सवाल यह उठता है क्या सरकार द्वारा सड़कों खस्ता हालत हमारे लिए लाभदाई है या हानिकारक ।

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