शहर में कई स्थान पर स्ट्रीट लाइट दिन में सूर्य की रोशनी में भी प्रकाश दे रही हैं। इससे न केवल बिजली की बर्बादी हो रही है। बल्कि अतिरिक्त बिल का भार भी बढ़ रहा है। स्ट्रीट लाइट चालू व बंद करने की जिम्मेदारी बिजली विभाग के पास है, लेकिन विभाग के कर्मचारी इस ओर ध्यान नहीं देते। जिससे दिन में स्ट्रीट लाइट जलती रहती है। बिजली बर्बादी के साथ लाइट जल्दी खराब हो जाती है। इससे न केवल आर्थिक बोझ बढ़ जाता है, बल्कि गली मोहल्लों में लाइट खराब होने से कई माह तक अंधकार रहता हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
एक तरफ तो बिजली विभाग हर वक्त बिजली की कमी का रोना रोता है, वहीं दूसरी तरफ सेक्टर 15 का आलम ही कुछ अलग है। शहर में दिन के समय भी जलती नजर आने वाली हाई मास्क लाइटें व स्ट्रीट लाइटों को देखकर यह कहना गलत होगा कि बिजली निगम के पास बिजली का टोटा है।
शहर वासियों का कहना है कि बिजली विभाग के पास उपभोक्ताओं के लिए बेशक बिजली न हो, लेकिन बर्बादी के लिए बिजली की कोई कमी नहीं है। इसलिए शहर में लगी स्ट्रीट लाइटें दिन में भी रोशन रहती हैं जिस ओर बिजली निगम कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इन दिनों शहर के फरीदाबाद चोक पर लगी हाई मास्क लाइट रात को तो रोशन रहती ही है दिन में भी जगमग करती है। इसी प्रकार शहर के कई हिस्सों में स्ट्रीट लाइट है जो दिन में भी जलती रहती हैं।ऐसे में बिजली की फिजूलखर्ची जो कि जरूरत के समय प्रयोग में लाई जा सकती है। उसे बिजली विभाग किस तरीके से बर्बाद कर रही है।
फरीदाबाद के ऐसे कई इलाके है जहा कई कई महीनो तक लोग बिजली के लिए तरसते रहते है और बिजली बिल का भुगतान करने के बाद भी उन्हें पंखे की हवा तक नसीब नहीं होती।ओल्ड फरीदाबाद ,सेक्टर 21 ,पर्वतीय कॉलोनी , जवाहर कॉलोनी, डबुआ ,NIT 3 अदि ऐसे कई इलाके है जहा बिजली के लिए आम जन तरस रहे है।
इन इलाको में कई-कई दिनों तक बिजली की सप्लाई नहीं की जाती है। अकसर बिजली के न होने से शहर वासियों को भी अपने रोजमर्रा के काम निबटाने में दिक्कतें आती है। दिन में भी स्ट्रीट लाइटें जलती रहती हैं। कम से कम मांग के मुताबिक बिजली उत्पादन नहीं कर पा रहा बिजली निगम बर्बादी पर तो रोक लगा ही सकता है।