महामारी के दौरान लोक डाउन के चलते लोगो की सड़को पर आवाहजहि कम हो गयी थी , कार्य भी मंधे पड़ गए थे जिसके चलते प्रदुषण स्तर भी कम हुआ था ,लेकिन जैसे ही अनलॉक हुआ और ज़िन्दगी की रफ़्तार ने जोर पकड़ा वैसे ही प्रदुषण फिर से भड़ गया और पुरे देश में फिर से गैस चैम्बर का खतरा मडराने लगा। इसके साथ साथ देश की अर्थववस्था का डगमगाने का भी खतरा मडरा रहा है। जिस अर्थववस्था को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा था
अब वही अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने से पहले सर्दियों में फिर से चरमरा सकती है। पीएम-2.5 का स्तर बढ़ने के साथ ही पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के निर्देश पर यहां ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया जाएगा। फिलहाल, 15 अक्तूबर से इसे लागू करने योजना तैयार की गई है।
इसके लिए अलग-अलग चरणों में प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटा जाएगा। इसके अलावा उद्योगों व शादियों में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लग सकता है। साथ ही प्रदूषण रहित जिग जैग तकनीक नहीं अपनाने वाले ईंट-भट्ठे भी बंद करवाए जाएंगे।
जिले में छोटे-बड़ेे करीब 30 हजार उद्योग हैं। मौसम में नमी आने के बाद प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। ईपीसीए के आदेश के अनुसार, 15 अक्तूबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू किया जा रहा है। फरीदाबाद जिले में भी इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सभी विभाग मिलकर एक्शन प्लान को सफल बनाने के लिए काम करेंगे। इसके लिए हाल ही में ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
फरीदाबाद जिले में भी स्थिति काफी खराब हो जाती है। दिवाली के आसपास शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से 500 के बीच में पहुंच जाता है। इससे शहर पूरी तरह से गैस के चैंबर में तब्दील हो जाता है। इसलिए ईपीसीए की तरफ से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू किया जाता है। यह प्लान 15 मार्च तक लागू रहेगा। एक्शन प्लान के तहत पीएम 2.5 के स्लैब बनाए गए हैं। स्लैब के अनुसार पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने पर प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को बंद किया जाएगा।
- पीएम 2.5 का स्तर 121 से 250 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच में होता है, तो डीजल जनरेटर चलाने पर पाबंदी रहेगी। इसके साथ ही होटलों में कोयले और लकड़ी जलाने पर पाबंदी रहेगी। पीएम
- 2.5 का स्तर 250 से 430 के बीच होने पर ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर जोन बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा सीमेंट मिक्सचर प्लांट बंद करने होंगे। सड़कों के साथ पड़ी धूल पर पानी का छिड़काव किया जाएगा।
- पीएम 2.5 का स्तर 48 घंटे तक 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक बना रहता है, तो कंट्रक्शन गतिविधियों को बंद करनी होंगी। प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए टास्क फोर्स का गठन भी करना होगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक एक्शन प्लान के तहत जल्द ही टीमों का गठन किया जाएगा। यह टीम प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। कूड़ा लगाने व प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के चालान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से भी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई हैं। इसके तहत सड़कों पर धूल की सफाई, कूड़े के ढेरों को हटाने आदि से संबंधित काम करने के लिए कहा गया है। जिले में ऐसे 17 प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं, जहां पर कूड़े के काफी अधिक ढेर हैं।