शहर में बढ़ते कूड़े को डंप करने की दिक्कत का हल निकालना अब सरकार के लिए बड़ी चुनौती होने वाला है। शहर के रोज़ाना 700 टन कूड़ा कहाँ और कैसे डंप किया जाए, इस पर विचार के बाद ये निश्चय किया गया है कि अब कूड़े को अरावली स्थित बंधवाड़ी कूड़ा निस्तारण प्लांट में नहीं बल्कि शहर के सीही गांव में डाला जाएगा। जिसकी प्लानिंग भी अब शुरू हो गयी है। सीही गांव में 10 एकड़ की ज़मीन पर कूड़ा डंपिंग यार्ड बनना शुरू हो गया है।
हालांकि स्थानीय निवासियों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया पर इसके बावजूद भी एनजीटी के आदेश के अनुसार बंधवाड़ी में अब कूड़े का विशाल पहाड़ बन आया है, साथ ही बंधवाड़ी में कूड़ा डंप करने की अब कोई गुंजाइश शेष नहीं रही। कोई और विकल्प न होने के कारण, कूड़ा डंपिंग प्लांट अब सीही में बनाने का निर्णय लिया गया है।
एनजीटी अपनी बात पर अडिग है तो वहीं दूसरी ओर, स्थानीय निवासियों का कहना है कि सीही गांव में कूड़ा डंपिंग प्लांट बनने से न सिर्फ उनकी जगह की कीमत पर असर पड़ेगा पर साथ ही इससे जमीन में लीचड़ रिसता है जो ग्राउंड वॉटर को भी दूषित करेगा।
इस बात को लेकर स्थानीय निवासियों और सेक्टर के लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि सीही में कूड़ा डंपिंग यार्ड से उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बंधवाड़ी में कूड़े का पहाड़ बनने से बंधवाड़ी की कूड़ा डंपिंग क्षमता तो खत्म हो ही गयी है। साथ ही, कूड़ा डंपिंग वाले पूरे ही इलाके का पानी पीने लायक नहीं बचता। इतना ही नहीं, अरावली के अंदर रह रहे जीव जंतुओं को भी इससे परेशानी होती है। ऐसे में, सेक्टर-8 स्थित सीही गांव को डंपिंग प्लांट के लिए चिन्हित किया गया है, जिससे स्थानीय निवासी रुष्ट हैं।