फरीदाबाद और गुरुग्राम में 82 से अधिक कोंडो करते हैं जनरेटर से गुज़ारा, बैन से जताई दिक्कत

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फरीदाबाद और गुरुग्राम में कई ऐसे रिहायशी इलाके हैं जो डीज़ल वाले जनरेटर के सहारे अपनी बिजली की ज़रूरतों को पूरा करते हैं। राज्य के बिजली वितरण विभाग ने इसकी जानकारी ईपीसीए ( Environment Pollution Prevention and Control Authority, EPCA ) को एक सर्वे के ज़रिये दी है। इस बात का खुलासा एन.सी.आर में एक्शन प्लान बनने के 4 दिन पहले ही हुआ है। बताया यह भी जा रहा है कि इस एक्शन प्लान के तहत हाई पावर जनरेटर का इस्तेमाल बैन कर दिया जायेगा और केवल इमरजेंसी के समय के लिए ही इसका इस्तेमाल करने की इजाज़त होगी।

फरीदाबाद और गुरुग्राम में 82 से अधिक कोंडो करते हैं जनरेटर से गुज़ारा, बैन से जताई दिक्कत

हालांकि, स्कूलों और अस्पतालों पर इस एक्शन प्लान से ख़ास असर नहीं पड़ेगा क्यूंकि स्कूलों और अस्पतालों को इसका इस्तेमाल नियमित रूप से करने की अनुमति है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के अधिकारियों ने बताया कि 82 ऐसे कोंडोमिनियंस हैं जहाँ लगभग 2 लाख से अधिक लोग रहते हैं और ये सभी कोंडोमिनियम्स बिजली के लिए जनरेटर पर ही निर्भर हैं क्यूंकि इनके इलाके में सरकार द्वारा बिजली पहुंचाने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।

फरीदाबाद और गुरुग्राम में 82 से अधिक कोंडो करते हैं जनरेटर से गुज़ारा, बैन से जताई दिक्कत

साथ ही, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के अधिकारियों का ये भी कहना था कि 82 में से 26 कोंडोमिनियम्स गुरग्राम के हैं और फरीदाबाद में 3 कोंडोमिनियम्स हैं जहाँ के लोग बिजली की किल्लत का सामना कर रहे हैं। अगर इन सोसाइटीज़ में जेनसेट 15 अक्टूबर से बैन होता है तो यहां के स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है क्यूंकि इनके पास बिजली के लिए कोई पावर बैक-अप उपलब्ध नहीं है। अच्छा होगा अगर सरकार इस मामले में जल्द ही सोच विचार कर एक ऐसा फैसला ले जो यहाँ रह रहे लोगों के हित में हो और जिससे इनकी इस दिक्कत का उपाय निकाला जा सके।