ग्रामीण महिलाओं के लिए लिया गया ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या है वो….

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हरियाणा की महिलाओं के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा है। शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा में एक ऐसी नजीर लिखी गई जिसे कई सदियों तक याद रखा जाएगा। विधानसभा पटल पर हरियाणा के पंचायती राज एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव लाया गया जिसे माननीय सदस्यों ने पास कर दिया। अब हरियाणा में पंचायती चुनाव में महिलाओं की 50 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। सम-विषम संख्या के आधार पर महिला एवं पुरुष के लिए सीट आरक्षित होगी।

ग्रामीण महिलाओं के लिए लिया गया ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या है वो....

जिस गांव में महिला सरपंच निर्वाचित होगी, अगली योजना में उस गांव में पुरुष सरपंच होगा। इस बिल के पास होने पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश की महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि यह बिल प्रदेश की महिलाओं में नए आत्मविश्वास का संचार करेगा और उन्हें सशक्त करेगा।

बिल की जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि भविष्य में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं यानी जिला परिषद, ब्लॉक पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के चुनावों में यह नियम लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक गांव को सम-विषम संख्या के आधार पर कोड दिए जाएंगे।

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पहली बार में सम क्रम वाले गांवों में सरपंच महिला रहेगी और अगली बार विषय क्रम संख्या वाले गांवों में महिला सरपंच बनेगी। इस तरह हर दस वर्ष में से पांच वर्ष हरियाणा के हर गांव में महिला सरपंच होगी। आरक्षित पदों पर भी यह नियम लागू होगा और उनमें भी सम-विषम संख्या के आधार पर पद आरक्षित होंगे। यही नहीं, ग्राम पंचायत के पंचों के विषय में भी यही प्रक्रिया रखी जाएगी और 50 फीसदी पंचों के पद महिलाओं के लिए रहेंगे।

डिप्टी सीएम ने बताया कि यह व्यवस्था ग्राम पंचायतों से आगे बढ़कर जिला परिषद और ब्लॉक पंचायत समिति में भी लागू होगी। जिला परिषद और ब्लॉक समिति के सदस्यों और चेयरमैन के पदों के लिए भी ऑड-ईवन का फार्मूला इस्तेमाल किया जाएगा। पंचायती राज एक्ट में इस महत्वपूर्ण बदलाव के बाद हरियाणा के पंचायती राज तंत्र में महिलाओं की 50 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी। इस व्यवस्था के लिए अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित सीटों और अन्य सीटों के लिए अलग अलग समूह माने जाएंगे और उन समूहों में महिला आरक्षण लागू किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा की ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए यह बिल एक वरदान साबित होने वाला है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पंचायती राज सस्थाओं में निर्वाचित होकर न केवल अपने गांव की आवाज को बुलंद करेंगी बल्कि विकास के भी नए आयाम स्थापित करेगी।