डिस्ट्रिक्ट बार काउंसिल के चुनाव में उड़ी सामाजिक दूरी की धज्जियाँ, वकीलों को नहीं है महामारी का डर

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डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं। कल फरीदाबाद के सेक्टर 12 स्थित कोर्ट में चुनाव आयोजन हुआ था। बार काउंसिल के चुनाव परिणाम के नतीजे सामने आ चुके हैं जिसमे बॉबी रावत को बतौर प्रेजिडेंट जीत मिली है। कल पूरा दिन कोर्ट परिसर में चहल कदमी मची रही थी जहां कोर्ट में मौजूद तमाम वकीलों ने मतदान में भाग लिया था।

पर बात की जाए चुनाव आयोजन की तो उसे देख यह साफ़ पता लगता है कि कैसे कोर्ट परिसर के बाहर सामाजिक दूरी की धज्जियाँ उड़ी है। जो एडवोकेट मतदान करने कोर्ट परिसर में आए थे उन्होंने सामाजिक दूरी की और ध्यान नहीं दिया। आपको बता दें कि कोर्ट का प्रांगण कल खचाखच भरा हुआ था।

डिस्ट्रिक्ट बार काउंसिल के चुनाव में उड़ी सामाजिक दूरी की धज्जियाँ, वकीलों को नहीं है महामारी का डर

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में काम करने वाले अमूमन सभी एडवोकेट वहाँ पर मौजूद रहे। इस दौरान महामारी की खिल्ली उड़ती हुई नज़र आई। आपको बता दें कि शहर में बिमारी का संक्रमण दर काफी तेज़ी से बढ़ रहा है ऐसे में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बाहर लगा वकीलों का जमघट फरीदाबाद प्रशासन के लिए खतरे की घंटी था।

डिस्ट्रिक्ट बार काउंसिल के चुनाव में उड़ी सामाजिक दूरी की धज्जियाँ, वकीलों को नहीं है महामारी का डर

क्षेत्र में आए दिन 500 से ज्यादा की तादाद ने संक्रमित पाए जा रहे हैं ऐसे में कोर्ट में बरती गई लापरवाही को किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पढ़े लिखे वकीलों द्वारा इस तरीके के रवैये की उम्मीद नहीं की जा सकती। इससे पूर्व फरीदाबाद कोर्ट में 25 संक्रमित पाए जा चुके हैं ऐसे में चुनाव के दौरान लगे जलसे से बिमारी के संक्रमण में इजाफा हो सकता है।

डिस्ट्रिक्ट बार काउंसिल के चुनाव में उड़ी सामाजिक दूरी की धज्जियाँ, वकीलों को नहीं है महामारी का डर

चुनाव के दौरान कोर्ट परिसर के बाहर कूड़ा भी फैलाया गया। प्लास्टिक के ग्लास और थालियां इस्तेमाल कर के वहीँ पर फेंक दी गई। आपको बता दें कि प्रदूषण के स्तर की बात की जाए तो उसमे भी फरीदाबाद आसमान छू रहा है।

डिस्ट्रिक्ट बार काउंसिल के चुनाव में उड़ी सामाजिक दूरी की धज्जियाँ, वकीलों को नहीं है महामारी का डर

ऐसे में कोर्ट परिसर के बाहर फैलाया गया कूड़ा प्रदूषण स्तर में इजाफा कर सकता है। कोर्ट परिसर के बाहर टेंट लगा दिया गया था पर किसी भी जगह पर कूड़ेदान को नहीं रखा गया था। इसलिए लोग अपना प्लास्टिक कूड़ा वही फेंक कर चले जा रहे थे। जनता को पढ़े लिखे होने के साथ साथ समझदार होने की भी ज़रुरत है।