बरोदा उप-चुनाव में कांग्रेस मजबूत नहीं थी बल्कि हलके के लोगों की मजबूरी थी : अभय सिंह चौटाला

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बरोदा हलके की जनता ने जिस प्रकार इनेलो को पहले की अपेक्षा अधिक वोट देकर पार्टी की हौंसला अफजाई की है, उसके लिए दीपावली के बाद पार्टी की ओर से बरोदा के मतदाताओं का उनके बीच जाकर आभार व्यक्त करेंगे, ये बात इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने बुधवार को तेजाखेड़ा फार्म पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही।

बरोदा उप-चुनाव में कांग्रेस मजबूत नहीं थी बल्कि हलके के लोगों की मजबूरी थी : अभय सिंह चौटाला


उन्होंने कहा कि बरोदा उप-चुनाव में कांग्रेस मजबूत नहीं थी बल्कि हलके के लोगों की मजबूरी थी, क्योंकि मतदाताओं ने भाजपा को हराने के लिए ही कांगे्रस के प्रत्याशी को जिताया है। भाजपा ने तीन काले कृषि कानूनों से किसानों के हित पर कुठाराघात किया है, ऐसे में कहा जा सकता है कि मतदाताओं ने जिस प्रकार कृषि कानूनों के खिलाफ अपना निर्णय दिया वहीं मुख्यमंत्री के उस दावे की भी हवा निकाल दी जिसमें वे प्रदेश में समान रूप से विकास का दावा करते थे।

इनेलो नेता ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस भी जनता की झूठी वाहवाही बटोरने का काम कर रही है जबकि वास्तविकता यही है कि इस बिल के ड्राफ्ट कांग्रेस शासनकाल में ही तैयार किए गए थे। केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीनों कृषि बिलों को लेकर कांग्रेस ने न तो सडक़ पर ही कोई आंदोलन किया और न ही विधानसभा में सरकार को घेरा बल्कि पीठ दिखाकर सदन से भागने का काम किया।

बरोदा उप-चुनाव में कांग्रेस मजबूत नहीं थी बल्कि हलके के लोगों की मजबूरी थी : अभय सिंह चौटाला


इनेलो नेता ने आरोप लगाया कि बरोदा उपचुनाव में भाजपा ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया और अनेक भौतिक संसाधनों का लोभ-लालच भी दिया है। उन्होंने कहा कि इनेलो चौधरी देवी लाल द्वारा स्थापित की गई पार्टी है जो सदैव किसानों के हित के लिए लड़ती है और भविष्य में भी सडक़ से सदन तक लड़ाई लड़ती रहेगी।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश में गेहूं की बिजाई के बाद किसानों के आंदोलन में और तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बरोदा उपचुनाव के परिणामों से साबित हो गया है कि प्रदेश में भाजपा का ग्राफ गिरा है और लोगों ने प्रदेश की गठबंधन सरकार को नकारा है। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद इनेलो की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में हार के कारणों पर मंथन किया जाएगा और बड़े पैमाने पर संगठन में बदलाव किया जाएगा। उसके बाद पूरे हरियाणा में व्यापक अभियान चलाकर दौरे किए जाएंगे और लोगों से संपर्क साधा जाएगा।