अरावली में जारी है पेड़ों की कटाई, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे भूमाफिया

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महामारी के दौर में प्रशासन की व्यस्तता का फायदा लोग अरावली में अवैध निर्माण करके उठा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए पेड़ करते हुए पेड़ काटकर पहाड़ को समतल किया जा रहा है। हरियाणा सरकार के पास पहुंच रही शिकायतों में ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।

इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने मामले की जांच करने के लिए आदेश दिए हैं। इसके लिए जिला नूह के वन अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जो 27 नवंबर को अरावली का निरक्षण करने आएँगे। उसके बाद जांच रिपोर्ट को सरकार के पास सौंप दिया जाएगा।

तोड़ दिए जाएंगे अवैध फार्म हाउस

अरावली में जारी है पेड़ों की कटाई, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे भूमाफिया

अरावली में अवैध रूप से बने 130 अवैध फार्म हाउस तोड़े जाएंगे। एनजीटी ने वन विभाग को यह आदेश दिया है। वन विभाग को इस कार्रवाई की रिपोर्ट 31 जनवरी 2021 तक एनजीटी को सौंपनी होगी। कोर्ट के आदेश पर अमल करने के लिए फरीदाबाद वन विभाग के कर्मचारी सर्वे के लिए जुटे हुए हैं।

अरावली में जारी है पेड़ों की कटाई, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे भूमाफिया

गैर वानिकी कार्य को लेकर एनजीटी में पर्यावरणवादियों ने याचिका दायर की हुई है। उसी की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने फरीदाबाद से अवैध निर्माण की रिपोर्ट मांगी थी। जिसके लिए संयुक्त कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 16 जून 2020 को एनजीटी को सौंपी थी। 130 अवैध फ़ार्म हाउस सहित अवैध निर्माण चिन्हित किए गए थे।

अरावली में जारी है पेड़ों की कटाई, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे भूमाफिया

26 अगस्त 2020 को केस की सुनवाई करते हुए वन विभाग फरीदाबाद को अवैध निर्माण को लेकर 31 जनवरी 2020 स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि दो वर्ष पूर्व नगर निगम भी अरावली में अवैध निर्माण का एक सर्वे करवा चुका है। अरावली में पेड़ कटाई के मामले नए नहीं हैं। भूमाफिया जमीन हड़पने के लिए गैरकानूनी तरीके से पेड़ काट कर अपना डेरा जमा लेते हैं। अरावली की पहाड़ियों के बीच चोरी छिपे खनन किया जा रहा है।