लाॅक डाउन पर लिखी कविताएं बेच कर जुटाएंगे धन और करेंगे जरूरतमंदो की मदद ।-विकास बंसल

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कोविड-19 से जंग में जुटे उद्यमी व लेखक विकास बंसल की नई पहल की। हमारी दुनिया हमेशा के लिए बदल गई है और हम सभी इस सच को स्वीकार कर चुके हैं। देश लगातार बढ़ते कोविड-19 के मामलों से जूझ रहा है। इसका सबसे बुरा असर समाज के सबसे कमजोर तबकों पर दिखता है। उनके रोजगार छिन गए हैं क्योंकि कंस्ट्रक्शन का काम, मॉल, परिवहन और इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि सभी क्षेत्रों में काम-काज ठप्प है। दिहाड़ी और अन्य मजदूर, ठेले-रेहरी वाले सब घर बैठ गए हैं और रोजी-रोटी छिनने के बाद उनका जीना मुहाल हो गया है। लेकिन इस विषम परिस्थिति में ऐसे लोगों की कमी नहीं जो पीड़ितों का दर्द समझते हैं और उनके लिए कुछ करने का जज्बा रखते हैं। फरीदाबाद,हरियाणा के उद्यमी विकास बंसल इसकी एक मिसाल हैं।

प्रकृति ई-मोबिलिटी के सह-संस्थापक विकास ने इंसानियत के नाम पर कोविड पीड़ित समुदायों को दो जन की रोटी उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है और अब तक हर दिन 100 से अधिक लोगों को खाना बांट रहे हंै। अब उन्होंने जरूरतमंदों की मदद करने का एक अनोखा तरीका चुना है। विकास ने 75 लाॅकडाउन कविताएं लिखी हैं और इस संग्रह को कुछ चुने हुए संरक्षकों को बेच कर धन जुटाएंगे। प्रत्येक पुस्तक की बिक्री से प्राप्त राशि के बराबर राशि का खुद योगदान कर इस मुहिम को मजबूत बनाएंगे। इस तरह जमा राशि से उनका लक्ष्य पीड़ित परिवारों के लिए 10000 से अधिक मील का प्रबंधन करने का है।
विकास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 500 से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। अमिताभ बच्चन के वृहत् परिवार से जुड़े विकास महानायक से प्रेरित हैं और उनके नक्शे कदम पर बढ़ते हुए इस नेक काम में लगे हैं। अमिताभ बच्चन परिवार के कई लोग इस मुहिम से जुड़े हैं। गौरतलब है कि स्वयं अमिताभ बच्चन विकास को प्यार से ‘कविमहाशाय’ बुलाते हैं। पेशे से उद्यमी, व्यवसायी और दिल से कवि विकास ने अमिताभ बच्चन और उनकी फिल्मों पर अब तक 12 से अधिक किताबें लिखी है। हालांकि कथित किताब बेचने का उनका कोई इरादा नहीं था। पर उन्होंने पहली बार दोस्तों और परिवार के साथ जब यह किताब साझा की तो सभी ने इसे बेचने की राय दी। सब की सलाह से विकास ने यह किताब बिक्री के लिए पेश किया है और इससे जो भी राशि प्राप्त होगी जरूरतमंदों के खाना और अन्य जरूरतें पूरी करने में खर्च की जाएगी।

‘जान है तो जहान है।अहमियत इस बात की नहीं है कि हम क्या लेकर इस दुनिया में आए थे। आज धन कुबेर बनने का समय नहीं है बल्कि यह चिंतन करने की घड़ी है कि अपने धन का उपयोग कर कैसे दूसरों की जिन्दगी बेहतर बनाएं। यह एक समाज के रूप में एकजुट होने का समय है। मनुष्य होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है और जब मैं इसे पूरा करता हूं, तो मुझे सुकून मिलता है। मेरी आप सब से अपील है कि कम से कम तीन परिवारों को प्रति दिन खाना और अन्य आवश्यक वस्तुएं देकर इंसानियत का फर्ज निभाएं,’’ विकास बंसल, कवि और सह-संस्थापक प्रकृति-ई-मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने कहा। इस पहल पर राइज अगेंस्ट हंगर इंडिया के कार्यकारी निदेशक श्री डोला मोहापात्रा ने कहा, “हम कोविड 19 से सबसे बुरी तरह प्रभावित लोगों के लिए प्रति दिन 10,000 मील का प्रावधान करने के लिए विकास बंसल को धन्यवाद देते हैं। हमारा अनुमान है कि भारत के केवल बड़े शहरों जैसे मुंबई, बंगलुरु, दिल्ली, और हैदराबाद में 50 लाख से अधिक लोग भूख से लड़ रहे हंै। इसलिए इस कठिन समय में हम विकास की तरह अन्य लोगों से आगे आने और जरूरतमंद और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों की मदद करने की अपील करते हैं। खासकर खाना जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में मदद करने का आग्रह करते हैं। आइए, हम सभी मिल कर इस कठिन दौर से निकलने की कोशिश करें।”

ये ‘मील’ एक एनजीओ ‘राही’ के सहयोग से बांटे जाएंगे जो भूख मिटाने की दिशा में काम कर रहा है और वर्तमान में कोविड 19 से टूट चुके समुदायों को जीवित रहने का आधार दे रहा है। यह भोजन के अलावा उन्हें खाना पकाने के तेल, मसाले, मास्क इत्यादि आवश्यक चीजें भी मुहैया कराने की योजना में है। राही के राहत कार्य में योगदान देने के लिए आप देखें:

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