नगर निगम और इकोग्रीन के बीच में झूलती शहर की सफाई व्यवस्था

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नगर निगम और इको ग्रीन के बीच जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है ।अगर इकोग्रीन से शहर की गन्दगी के बारे में पूछा जाये तो इकोग्रीन अपनी जिम्मेदारी से पल्लू झाड़कर नगर निगम पर थोप देती है ,और अगर वही सवाल नगर निगम से दागा जाता है तो नगर निगम भी इसे अनसुना कर अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ लेती है। और इन सब के बीच अगर कोई पिस्ता है तो वह है शहर की आम जनता।

नगर निगम और इकोग्रीन के बीच में झूलती शहर की सफाई व्यवस्था

हलाकि पिछले पांच दिनों से इकोग्रीन पूरा भुगतान ना मिलने पर इकोग्रीन के ठेकेदारों ने हड़ताल की हुई थी जिसकी वजह से शहर में गन्दगी का अम्बार इकठा होता जा रहा था।फरीदाबाद शहर में पहले से इतनी गन्दगी इक्कठी हो रखी है, और इस बीच इकोग्रीन की हड़ताल उस गन्दगी में चार चाँद लगा दिए है ।हड़ताल के दौरान शहर की गन्दगी बंधवाड़ी नहीं जा पा रही थी।

इस बीच इकोग्रीन के छह वेंडरों ने हड़ताल कर दी थी और कार्य रोक कर बंधवाड़ी प्लांट के आगे आपने 80 ट्रक खड़े कर दिए थे। इसके चलते डबुआ कालोनी ,बाईपास रोड ,सेक्टर 21 ए ,मुजैड़ी तथा सेक्टर 37 के ट्रांसफर स्टेशन पर कचड़ा बढ़ता जा रहा था। 40 वार्डो का कचड़ा ट्रांसफर स्टेशन पहुँचाया जाता है। ठेकेदारों के वाहनों के माध्यम से कचरा बंधवाड़ी प्लांट पर भेजा जाता है। इकोग्रीन के वरिष्ठ प्रबंधक मनीष अग्रवाल ने बताया की हड़ताल अब ख़तम हो चुकी है , अब धीरे धीरे सारा कचरा बंधवाड़ी प्लांट पर पहुंचा जायेगा।

नगर निगम और इकोग्रीन के बीच में झूलती शहर की सफाई व्यवस्था

हलाकि अब हड़ताल ख़तम हो चुकी है ,इकोग्रीन की मांगे सुनी जा चुकी है । लेकिन फिर भी इकोग्रीन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। मुजूदा हालात का जायेजा लेने के लिए जब हमने इस खबर की पुष्टि करने की कोशिश की तो पता लगा की अब भी शहर का कचरा उसी स्थिति में मजूद है।और जब हमने इकोग्रीन के ठेकेदार से बात करनी चाही तो इकोग्रीन के ठेकेदार ने केवल ट्रांसफर स्टेशन का कचरा साफ़ करने का जिम्मा लिया बाकि सड़क के किनारे पड़ा कचरे का जिम्मा नगर निगम के मथे मढ़ दिया। और जब नगर निगम से इसके बारे में पूछा जाये तो नगर निगम इसका जिम्मा इकोग्रीन पर थोप दिया। अगर ऐसे ही नगर निगम और इकोग्रीन अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर थोपते रहे तो आम जनता खा जाएगी और किसके पास जाएगी ?