हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज कहा कि तीनों कानून किसान के हित में हैं। किसानों को आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है। हरियाणा का किसान खुश है, विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहा है। कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही है ,ऐसी घटिया राजनीति करने वालों की निंदा होनी चाहिए। विपक्षियों को लगता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रभावी नेतृत्व से उनकी दुकानें बंद हो जाएंगी।
वे आज गुरुग्राम में लोक निर्माण विश्राम गृह में मीडिया प्रतिनिधियों से रूबरू हो रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। किसानों के हित में किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमने सत्ता संभाली है हमने किसानों के हित में बहुत काम किए हैं ।मई- 2015 में जब फसलों का खराबा हुआ था तब पहली बार किसानों को इतना मुआवजा दिया गया था जो पिछले 48 सालों में नहीं मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों के लिए बहुत से ऐसे प्रबंध किए हैं, किसान जब घाटे में अपने फल व सब्जियां बेच रहे थे तो उनके हितों का ध्यान रखते हुए प्रदेश सरकार ने भावांतर भरपाई योजना लागू की, जिसके माध्यम से किसानों को करोड़ों रुपए की सहायता दी गई। इसी प्रकार, पानी बचाओ मुहिम चलाई गई।
‘ मेरा पानी मेरी विरासत’ के तहत 80 हजार एकड़ के ऊपर किसान वैकल्पिक फसल बो सके ,इसके लिए उन्हें प्रेरित किया गया। कोरोना काल में भी फसलों की खरीद के लिए जहां पहले 400 मंडिया थी, प्रदेश सरकार ने 1800 खरीद केंद्र खोले जिनकी किसानों ने स्वयं प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धान व गेहूं की खरीद एफसीआई द्वारा की जाती है। हरियाणा में प्रदेश सरकार सरसों, बाजरा, मूंग, मूंगफली ,सूरजमुखी ,मक्का की खरीद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है। प्रदेश में बाजरा 2150 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया जबकि राजस्थान में 1200 व 1300 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के हित के लिए आगे भी योजना बनाई है। आसान किस्तों पर किसानों को ऋण उपलब्ध कराना या बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध करवाना, पशुओं के लिए पशु क्रेडिट कार्ड तथा पशुओं का बीमा करवाने आदि की व्यवस्था प्रदेश सरकार ने की है ।
प्रगतिशील किसानों के लिए विशेष सुविधा बनाई है ताकि वह अपने जैसे 5-10 किसानों को रास्ता दिखाएं और उन्हें भी अपनी फसल का लाभ मिले। किसान कैसे अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं इसे लेकर भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास रहा है कि बीजेपी जब भी अच्छा काम करने के लिए आगे बढ़ी है तब सभी दलों ने ऐसा व्यवहार किया है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बात की जाए तो यह 30 साल से लटका था तब कांग्रेस की सरकार थी, जब इसे लागू किया जा रहा था ।
जब नागरिकता संशोधन कानून आया तब भी दल इक_े हो गए थे ,जब धारा 370 के प्रभाव को समाप्त करने की बात आई तब भी सभी दल इक_े हो गए। इन सभी दलों को यह लगता है कि अगर देश में कोई प्रभावी नेतृत्व आएगा तो इन सबकी दुकानें बंद हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विडंबना है कि जिन कृषि सुधार कानूनों की बात वर्ष 2010- 11 में यूपीए की सरकार बनने के बाद की जा रही थी, जब सभी दल कृषि सुधार कानून की बात करते थे उस समय ये इसे सिरे नहीं चढ़ा पाए और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कृषि बिल को मूर्त रूप दे दिया तब ये सभी दल इस प्रकार से विरोध कर रहे हैं।
जैसे ये अपनी ही कही हुई बात भूल गए हों, इन्हें याद ही ना हो। जब यूपीए सरकार में तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने इन्हें लागू करने के लिए मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखे थे और एपीएमसी कानून में संशोधन के लिए प्रयास किए थे और मॉडल एपीएमसी कानून लाने की बात कही थी, उस समय यह भी कहा गया था कि जो भी प्रदेश इन्हें लागू नहीं करेगा उनकी आर्थिक सहायता बंद कर देंगे। आज चाहे डीएमके , आरजेडी ,जनता पार्टी ,बीएसपी ,अकाली दल सभी राजनीतिक दल एकाएक निकल पड़े हैं कि हम सहमत नहीं है।
इस ओछी राजनीति को किसान के कंधे पर बंदूक रखकर जो ओछा काम किया जा रहा है वह निंदनीय है। प्रदेश की जनता व किसानों को इसे समझना चाहिए कि जो अच्छे कानून किसानों की प्रगति के लिए लाए गए हैं उसमें कोई हजऱ् नहीं है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि एमएसपी को लागू रखा जाएगा और किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आने देंगे।
उन्होंने कहा कि भले ही यह धरना किसान अन्य लोगों के बहकावे में आकर दे रहे हैं, जो उन्हें नहीं करना चाहिए, फिर भी हम किसान से जुड़े हुए हैं। किसान का देश के प्रति दायित्व है ,उसे भी हम समझते हैं लेकिन किसान हमारे अपने लोग हैं और उनके सहयोग व सहायता के लिए हम हमेशा तत्पर हैं।