मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए अभी स्कूलों के खुलने पर और परीक्षाओं पर असमंजस की स्थिति बरकरार है। शहर के हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल बोर्ड द्वारा बनाए गए निर्देश का उल्लंघन कर रहे हैं। नियमों को ताक पर रखते हुए यह प्राइवेट स्कूल बच्चों से परीक्षाएं ले रहे हैं। सरकार ने स्टूडेंट्स की अटेंडेंस और किसी तरह का टेस्ट या एग्जामिनेशन ना लेने का आदेश दिया है।
इसके बावजूद भी कई प्राइवेट स्कूल हाफ इयरली एग्जाम के लिए बच्चों को स्कूल आने के लिए मजबूर कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों मैं अभी भी बच्चों को बुलाना शुरू नहीं किया गया है पर प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को अटेंडेंस और एग्जाम में अपीयर होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। हरियाणा बोर्ड के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
लेकिन सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड-19 गाइडलाइंस को लेकर नियमों का पालन भी ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं एक कमरे में 40 से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है जो खतरे से खाली नहीं है। कई प्राइवेट स्कूलों में तो शिक्षा अधिकारियों को सरकार के इन नियमों की जानकारी तक है लेकिन उसके बावजूद भी नियमों का पालन करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कहां तक जायज है इतना ही नहीं। शिक्षा विभाग बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे हैं जो सरासर गलत है।