महामारी को हराने के बाद वालंटियर की भूमिका निभाएंगे लोग , गड़बड़ी पर बीबीआईएल लेगी जिम्मेदारी

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फरीदाबाद : शहरवासियों के लिए एक अच्छी खबर है, अब केवल हेल्दी वालंटियर के साथ साथ महामारी संक्रमित लोगों को भी कोवैक्सीन लगाई जाएगी। जो व्यक्ति कोविद से ठीक हो चुके है उन पर कोवैक्सीन लगाई जाएगी। इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है।

एनआईटी 3 नंबर स्थिति ईएसआईसी मेडिकल काॅलेज व अस्पताल के डाॅक्टर ए के पांडे ने बताया कि अभी तक हेल्दी वालंटियर ही कोवैक्सीन लगवाने के लिए आ रहे है। उन्होंने बताया कि अभी तक करीअ 800 लोग कोवैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके है।

महामारी को हराने के बाद वालंटियर की भूमिका निभाएंगे लोग , गड़बड़ी पर बीबीआईएल लेगी जिम्मेदारी

लेकिन इनमें सबसे ज्यादा वो लोग है जिनको किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं थी। डाॅक्टर ए के पांडे ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से हम हेल्दी वालंटियर के अलावा हाई रिस्क व महामारी से संक्रमित लोगों को भी कोवैक्सीन लगानी है।

ताकि इस कोवैक्सीन के जरिए अगर किसी को कोई अन्य बीमारी होती है तो स्वास्थ्य विभाग को इस पर विचार करेगा। उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) की ओर कोवैक्सीन लाए है।

महामारी को हराने के बाद वालंटियर की भूमिका निभाएंगे लोग , गड़बड़ी पर बीबीआईएल लेगी जिम्मेदारी

अगर किसी व्यक्ति कोवैक्सीन से कोई बीमारी और परेशानी होती है। तो उक्त व्यक्ति का पूरा इलाज बीबीआईएल की ओर से किया जाएगा। इसके अलावा कोवैक्सीन लगाने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा।

जिले में नहीं है अभी कोई केस


डाॅक्टर ए के पांडे ने बताया कि अभी तक जिले में करीब 800 लोगों को कोवैक्सीन लगाई जा चुकी है। लेकिन जिन भी व्यक्ति में कोवैक्सीन को लगाया है उनको किसी भी प्रकार की कोई परेषानी नहीं हुई। उन्होने बताया कि अगर कोई शादीशुदा महिला कोवैक्सीन लगवाती है तो वह तीन महिने तक गर्भवती नहीं हो सकती है।

इसके अलावा अगर कोई पुरूष कोवैक्सीन को लगवाता है तो वह तीन दिनों तक किसी भी प्रकार को कोई नशीले पर्दाथ का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इन सभी बातों के बारे में कोवैक्सीन लगवाने आए लोगों को बताया जाता है। अगर उसके बाद भी कोई महिला गर्भवती होती है

महामारी को हराने के बाद वालंटियर की भूमिका निभाएंगे लोग , गड़बड़ी पर बीबीआईएल लेगी जिम्मेदारी

डिलीवरी तक व उसके दो साल तक पूरा इलाज बीबीआईएल ही करेगा। वहीं पुरूष में अगर कोई नशीले पर्दाथ का इस्तेमाल करता है और उससे कोई परेशानी होती है तो उसका इलाज भी बीबीआईएल ही करवाएगी। उन्होंने बताया कि अभी पूरे भारत वर्ष में तीन केस आए है जिसमें से एक महिला गर्भवती हो गई,

एक व्यक्ति ने कोवैक्सीन लगवाने के बाद तीन दिन से पहले ही गुटका का सेवन किया व एक व्यक्ति का कोवैक्सीन लगवाने के कुछ दिनों बाद चक्कर आने वाले से जिसकी वजह से उसका एक्सीडेंट हो गया। उक्त व्यक्ति का पूरा इलाज बीबीआईएल की ओर से हो रहा है। उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति कोवैक्सीन लगवाने के लिए आते है

महामारी को हराने के बाद वालंटियर की भूमिका निभाएंगे लोग , गड़बड़ी पर बीबीआईएल लेगी जिम्मेदारी

तो उनको 750 रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा अगर कोवैक्सीन लगवाने के बाद परेशानी होती है तो वह अस्पताल आकर टीम को बता सकते है। टीम की ओर से समय समय पर फोन के जरिए व्यक्ति से हाल पूछा जाता है।

Story By – Hemlata Rawat