फरीदाबाद में लगातार नगर निगम के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पिछले साल शुरू हुआ गांवों को निगम में शामिल करने का विरोध प्रदर्शन अब हाई कोर्ट पहुंच रहा है। फरीदाबाद के 24 गांवों को नगर निगम में शामिल किए जाने के विरोध में मच्छगर गांव में महापंचायत का आयोजन किया गया था। इस महापंचायत में फैसला लिया गया है कि सभी लोगों ने एकमत से सरकार के इस फैसले के विरोध में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
इसी मामले में ग्रामीण सरकार को खून से पत्र भी लिख चुके हैं। इस महापंचायत में 24 गांवों के लोगों की 31 सदस्यीय कमिटी का भी गठन किया गया है।ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम में शामिल होने के बाद उनके गांवों की स्थिति बेकार हो जाएगी। इस महापंचायत की अध्यक्षता चंदावली गांव की पूर्व सरपंच रचना शर्मा ने की थी।
ग्रमीणों का विरोध – प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। अब जिले के 24 गांवों को नगर निगम में शामिल करने की कवायद तेज कर दी गई है। इससे पहले 40 पार्षदों ने गांवों को नगर निगम में शामिल करने संबंधी प्रारूप के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर सर्वसम्मति से पास कर दिया था। अब इन गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल कर शहर का विस्तार किया जाएगा।
नगर निगम में यदि यह गांव शामिल होते हैं तो उनको उस कदर नहीं रखा जाएगा ऐसा अभी रखा जा रहा है। नगर निगम में जिन गांवों को शामिल किया जाएगा, वहां की 80 फीसदी से अधिक आबादी खेती छोड़ चुकी है। जनगणना 2011 के अनुसार गांवों की कुल आबादी 1,25,880 है। सरकार की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही गांवों को निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया जाएगा।
ग्रामीणों द्वारा जो तय किया गया है उसमें कहा गया है कि कमिटी के सभी 31 सदस्य प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराएंगे। महापंचायत में टिकावली, सोतई, साहुपुरा, तिलपत, चंदावली, भूपानी, मच्छगर, फिरोजपुर माजरा, मुजैड़ी, बड़ौली, नचौली, प्रहलादपुर माजरा, बादशाहपुर, भतौला, पलवली, फरीदपुर, नवादा- तिगांव, खेड़ीखुर्द, नीमका, खेड़कलां, मिर्जापुर, बिदापुर, मलेरना तथा रिवाजपुर गांव के लोगों ने भाग लिया।