फरीदाबार के तिगांव स्थित शमशान के शवदाह ग्रह का निर्माण जुलाई 2020 को ही पूरी तरह ढहा दिया गया। अगर ऐसा ना होता तो कई ज़िदगियां मुरादनगर शमशान घाट की तरह जिंदगी से जंग हार चुकी होती।
शमशान घाट के शवदाह ग्रह में घटिया सामग्री के इस्तेमाल होने की जानकारी और जांच रिपोर्ट में खुलासे के बाद भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नही की गई. मुख्य अभियंता की जांच में ये साफ हो चुका है कि ठेकेदार ने निर्माण सामग्री में मिलावट की थी.
वार्ड न. 37 के पार्षद दीपक चौधरी की सक्रियता के कारण घटिया सामग्री द्वारा निर्माण किये जा रहे शमशान के शवदाह ग्रह की पोल खुल गई, जिसकी शिकायत पार्षद दीपक चौधरी ने निगमायुक्त डॉ. यश गर्ग से की थी.
प्रदर्शन के बाद निगमायुक्त ने जांच तत्कालिन मुख्य अभियंता ठाकुर लाल शर्मा को सौंपी थी. जांच मे सामग्री मे मिलावट पाई गयी थी. इसके बाद नगर निगम ने 70 लाख रूपये की लागत से बन रहे शवदाह ग्रह को 24 जुलाई को जेसीबी की सहायता से ध्वस्त कर दिया गया था.
शवदाह ग्रह में 5 कमरें और 2 बड़ी गैलरी का निर्माण कराया गया था, इसमें खड़े होकर लोग अपने परिचितों को अंतिम विदाई दे सकें। जाहिर है कि एक बड़ा हादसा कभी भी हो सकता था, जिसको एक पार्षद की सतर्कता से रोक लिया गया.