दिल्ली के बॉर्डर पर सब बन रहा है लेकिन बात नही बन रही है

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फरीदाबाद : किसान आंदोलन से आये दिन आने वाली खबरों से बाजार गर्म रहता है कभी वंहा पर भंडारे ,पिज़्ज़ा वहां का जिम बहुत चर्चा का विषय रहा है दिल्ली के बॉर्डर पर नया साल बनाया गया वँहा पर लोहड़ी और संक्राति भी मनाई गई यानी की दिल्ली के बॉर्डर पर सब बन रहा है लेकिन किसानो की बात नहीं बन रही है ।

वही अगर बात की जाए किसानो की तो दिल्ली बॉर्डर पर हड्डी गला देने वाली सर्दी में बैठे किसान और सरकार के बीच काफ़ी दौर की वार्ता हो चुकी है । लेकिन सब विफल रही है

दिल्ली के बॉर्डर पर सब बन रहा है लेकिन बात नही बन रही है

जंहा अभी तक कोई हल नहीं निकला वही 15 जनवरी को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच आने वाला समय क्या लेकर आएगा यह कहना मुश्किल है ।

इसी बीच उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले ने सरकार और किसान नेताओ में हलचल शुरू हो गयी है। परंतु किसान नेता अपनी जगह से हटने को तैयार नहीं है। भारतीय किसान यूनियन एक ऐसा किसान संगठन है जिसकी पहचान पूरे देश में है

दिल्ली के बॉर्डर पर सब बन रहा है लेकिन बात नही बन रही है

और इसके अध्यक्ष राकेश टिकैत हैं। वही मकड़ौली टोल प्लाजा के पास धरने पर बैठे किसानों ने ऐलान किया है कि 26 जनवरी को दिल्ली में भेड़, बकरी, गाय और भैंस लेकर घुसेंगे। किसानों ने साफ तौर पर कह दिया है कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड भी करेंगे।

किसानों ने बुधवार को धरनास्थल के नजदीक ही तीनों खेती कानूनों की कॉपी भी जलाई। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली कूच को लेकर गांव-गांव जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है।

दिल्ली के बॉर्डर पर सब बन रहा है लेकिन बात नही बन रही है

अब देखना यह होगा की यह लड़ाई कब तक चलती है। 26 जनवरी को सरकार किसानो को लेकर क्या रणनीति बनाती है वो देखने वाली बात होगी