सर्द मौसम से बिना डरे इस प्रकार बचाएं अपनी फसल, बहुत ही आसान है तरीका

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    जिले में लगातार बदल रहे मौसम के कारण कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कृषकों के लिए गाइडलाइन जारी की है। शीतलहर एवं पाले से सर्दी के मौसम में सभी फसलों को थोड़ा नुकसान होता है। टमाटर, मिर्च, बैंगन आदी सब्जियों पपीता एवं केले के पौधों एवं मटर, चना, अलसी, सरसों, जीरा, धनिया, सौंफ, अफीम आदि वस्तुओं से सबसे ज्यादा 80 से 90% तक नुकसान हो सकता है।

    किसानों को बदलते मौसम के बीच फसल को लेकर सावधान रहने की सलाह दी गई है। इस मौसम में अमूमन अरहर में 70%, गन्ने में 50% एवं गेहूं तथा जौ में 10 से 20% तक नुकसान हो सकता है।

    सर्द मौसम से बिना डरे इस प्रकार बचाएं अपनी फसल, बहुत ही आसान है तरीका

    तापमान में हल्की बढ़ोतरी, लेकिन उत्तर पश्चिमी शीत हवाएं चलने की संभावना से 16 जनवरी से रात्रि तापमान में गिरावट आ सकती है। पाला दरअसल दो तरह का होता है । पहला एडवेक्टिव और दूसरा रेडिएटिव अर्थात विकिरण आधारित । एडवेक्टिव पाला तब पड़ता है जब ठंडी हवाएं चलती है । ऐसी हवा की परत एक-डेढ़ किलोमीटर तक हो सकती है । इस अवस्था में आसमान खुला हो या बादल हों, दोनों परिस्थितियों में एडवेक्टिव पाला पड़ सका है ।

    सर्द मौसम से बिना डरे इस प्रकार बचाएं अपनी फसल, बहुत ही आसान है तरीका

    फरीदाबाद समेत आस – पास के इलाकों में भी लगातार ठंड बढ़ती जा रही है। हवा में नमी की मात्रा अधिक होने से जहां तड़के व देर रात धुंध छाए रहने की संभावना है, वहीं रात्रि तापमान में लगातार संभावित गिरावट से राज्य में 18 जनवरी से 20 जनवरी के बीच कहीं-कहीं पाला पड़ सकता है, इसलिए किसानों को कुछ सावधानियां बरतनी हैं।

    सर्द मौसम से बिना डरे इस प्रकार बचाएं अपनी फसल, बहुत ही आसान है तरीका

    कुछ इस प्रकार के सुझाव अब दिए जा रहे हैं जैसे की किसान रात्रि तापमान में गिरावट व पाला पड़ने की संभावना को देखते हुए सरसों, सब्जियों विशेषकर आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन और छोटे फलदार पौधों व नर्सरी के बचाव के लिए यदि पानी उपलब्ध हो तो हल्की सिंचाई करें, ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके और खेतों के किनारे पर तथा 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर जिस तरफ से हवा आ रही है, वहां रात्रि के समय कूड़ा कचरा सूखी घास एकत्रित कर धुआं करें, इससे तापमान बढ़ेगा और पाले का हानिकारक प्रभाव फसलों पर नहीं पड़ेगा।