खोदा पहाड़ निकला चूहा यह कहावत जिले के वाइल्ड लाइफ विभाग पर कृतार्थ होती दिख रही है। क्योंकि आम जनता के मन में बर्ड फ्लू को लेकर इतना डर या फिर यू कहें की वहम हो गया कि वह किसी भी जानवर के मरने पर उसको बर्ड फ्लू से जोड़ देते हैं । ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं। जिनकी जांच करने के बाद असल में चूहा ही निकला है।
वाइल्ड लाइफ सब इंस्पेक्टर चरण सिंह ने बताया कि बर्ड फ्लू को लेकर लोगों के मन में काफी वहम बैठा हुआ है। उन्होंने बताया कि नहर पार के इलाके में कुछ दिन पहले उनके पास एक फोन आया कि उनके घर में एक पक्षी मरा हुआ है। जिसके बाद उनकी टीम के द्वारा उसकी जांच करने के लिए वह उक्त नहर पार एरिया में गए। उन्होंने बताया कि नहर पार कई मकान बने हुए है। जिसमें से कुछ मकान ने पीछे वाले एरिया में वाॅशरूम बनवाया हुआ है।
जिसमें से एक मकान में पीछे की तरफ बने वाॅशरूम में कुछ दिन पहले कोई जानवर मर गया। लेकिन मकान में रहने वाले लोगों ने उसको कई दिनों के बाद देखा। पानी में पड़ा होने की वजह से वह मृतक जानवर फूल गया। सब इंस्पेक्टर चरण सिंह ने बताया कि उनकी टीम के द्वारा जब मृतक जानवर को वाॅशरूम से बाहर निकला तो उन्होंने पाया कि वह मरा हुआ चूहा था। उन्होंन बताया कि लोगों ने उनको बताया कि बर्ड फ्लू के चलते उसको कोई जानवर मरा हुआ है। इसी के चलते उनकी टीम वहां पर तुंरत पहुंची। लेकिन बर्ड फ्लू जैसा उनको वहां कुछ भी नहीं मिला।
चरण सिंह ने बताया कि बर्ड फ्लू को लेकर लोगों के मन में वहम बैठा हुआ है कि घर में व आसपास कोई भी भी जानवर मरा हुआ मिलता है तो वह उसको पक्षी मान कर बर्ड फ्लू समझ लेते है। उन्होंने बताया कि जिले में कई जगाहों पर पक्षी के मरने की खबरें उनके पास आई है। लेकिन उक्त एरिया पर जाने के बाद उनको कोई भी पक्षी मरा हुआ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले एनआईअी 5 नंबर मीट मार्किट के पास दो पक्षी मरे हुए मिले थे। जिसके बाद उन्होंने उनको डंप करने के बाद उन पक्षियों की जांच के लिए जलंधर भेज दिया है। लेकिन अभी तक कोई भी मामला बर्ड फ्लू का नहीं मिला है।